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महापौर चुने जाने के करीब 10 माह बाद नगर निगम की सामान्य सभा

महापौर चुना जाना के लगभग 10 महीने बाद शुक्रवार को नगर निगम की सामान्य सभा होगी। बहुत अंतराल के बाद पहली सभा को लेकर एक ओर कांग्रेस पार्षदों में उत्साह है। पहली बार मिस्सी सदस्य बने पार्षद भी सभा में पूछे जाने वाले सवालों के जवाब तैयार करने में व्यस्त हैं। दूसरा पक्ष, निगम की पिछले दो दशक के इतिहास में पहली बार विपक्ष के बिना नेता प्रतिपक्ष के पतन के बिना। इसके बावजूद विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा पार्षद मेयर और उनकी टीम को घेरने की तैयारी कर रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से इस साल अब तक एक भी सामान्य सभा नहीं हुई है। स्थिति थोड़ी सामान्य होने पर शुक्रवार को पहली सभा आयोजित की जा रही है। सम्पति प्रमोद दुबे ने सुरक्षा को लेकर निगरानी रखने के निर्देश अफसरों को दिए हैं। लेकिन सामान्य सभा काफी दिलचस्प होने के आसार हैं। दरअसल, आपसी खींचतान की वजह से भाजपा ने अब तक निगम में प्रतिपक्ष का नेता ही तय नहीं किया है। निगम में नेता प्रतिपक्ष का चैंबर अब तक खाली पड़ा है। सामान्य सभा में भाजपा पार्षदों को नेतृत्व करने का संकट खड़ा हो गया है। भाजपा आला कमान ने इसकी भरपाई के लिए पूर्व नेता प्रतिपक्ष सूर्यकांत राठौर, मीनल चौबे और मृत्युंजय दुबे को कमान संभालने के निर्देश दिए हैं। सामान्य सभा में 29 एजेंडे रखे गए हैं। इनमें से 16 विभिन्न सड़कों और चौक-चौराहों के नामकरण से संबंधित हैं। प्रमुख एजेंडे में सरोना ट्रैनिंग ग्राउंड साइट का कचरा नष्ट करने की योजना, मशीन से सड़कों की सफाई है। सभा में मुख्य रूप से उसी एजेंडों पर चर्चा होगी