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भाजपा शासन में भी कांग्रेसी भूमाफियाओं का आतंक हाईकोर्ट ने अवैध कब्जे पर लगाई रोक
*हाई कोर्ट के आदेश की भी अभेलना कर रहे अधिकारी*
भाजपा शासन में भी कांग्रेसी भूमाफियाओं का आतंक हाईकोर्ट ने अवैध कब्जे पर लगाई रोक
महासमुंद। पिथौरा। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार के बावजूद कांग्रेसी भू माफियाओं का दबदबा बना हुआ हैए जिनकी अवैध गतिविधियों पर प्रशासनिक नियंत्रण नहीं दिख रहा है। पिथौरा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित छत्तीसगढ़ डायसिस मिशन की करीब 10 करोड़ रुपए मूल्य की तीन एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य किया जा रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस अवैध निर्माण पर रोक लगा दी और आगामी सुनवाई अप्रैल को निर्धारित की है।
कैसे हुआ जमीन घोटाला…
छत्तीसगढ़ डायसिस के सचिव एवं पावर ऑफ अटॉर्नी श्री नितिन लॉरेंस ने बताया कि यह जमीन वर्षों से मिशन के अधीन थीए जहां चर्च पास्टर भवन सहित कई सेवा कार्य संचालित हो रहे थे। चंद्रभूषण एलिएल जोसफ नामक व्यक्ति ने इस जमीन पर अवैध कब्जा कर खुद को केयरटेकर घोषित कर दिया।
2019 में एक पादरी की मिलीभगत से इस जमीन को बेचने का प्रयास किया गया जिसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। 2020 में कोविड के कारण मामले में देरी हुई लेकिन जोसफ ने 2022 में अपने बेटे प्राशील जोसफ के नाम फर्जी दानपत्र तैयार कर रजिस्ट्री करा ली। इस जमीन की वर्तमान बाजार कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए आंकी गई है।
प्रशासनिक मिलीभगत उजागर…
डायसिस द्वारा एडीएम और पुलिस प्रशासन को शिकायत देने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। आरोप है कि तहसीलदार और एसडीएम की मिलीभगत से कब्जाधारी को संरक्षण दिया गया। इस दौरान 24 जून को तहसीलदार ने डायसिस की ओर से दायर किए गए केस को खारिज कर दिया जिसके बाद चंद्रभूषण जोसफ ने अपने बेटे को यह जमीन दान कर दी।
मसीही समाज ने किया विरोध हाईकोर्ट का हस्तक्षेप…
पिछले वर्ष भी मसीही समाज ने इस अवैध कब्जे के खिलाफ पिथौरा में विरोध जुलूस निकाला था जिसके बाद एसडीएम ने मामले पर स्थगन आदेश दिया था। लेकिन प्रशासनिक मिलीभगत के चलते कब्जाधारियों को संरक्षण मिलता रहा। अब बिलासपुर हाईकोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप कर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।
कई कांग्रेसी नेताओं के नाम आ सकते हैं सामने…
इस मामले में कांग्रेस से जुड़े कई प्रभावशाली नेताओं की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। भूमाफिया जितेंद्र सिन्हा जैसे लोग केवल मोहरे हैं। जबकि इस अवैध कब्जे के पीछे कई बड़े कांग्रेस नेताओं का हाथ होने की संभावना के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका है। यदि निष्पक्ष जांच हुई तो कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
डायसिस की मांग सरकार तत्काल कार्रवाई करे…
छत्तीसगढ़ डायसिस ने भाजपा सरकार से इस अवैध कब्जे की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही प्रशासन को निर्देश देने की अपील की गई है कि इस पवित्र मिशन भूमि को भूमाफियाओं के चंगुल से मुक्त कराया जाए। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।