पर प्रकाश डाला गया
- 18 करोड़ रुपये का सौर्य लाइट की संख्या सामने आई है।
- कागजों में लगी लाइट, कागजों में ही गांव सौरव पैनल से हो गए रोशन।
- उच्च न्यायालय की मित्र पीठ की पुस्तकों में 5 अहम् अभिलेख नामांकन।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। 25 दिसंबर से एक जनवरी से शीतकालीन अवकाश अवकाश के तहत रेज़ल्ट जनरल द्वारा जारी आदेश। इस दौरान नियमित न्यायालय में सुनवाई नहीं होगी। रजिस्ट्रीकरण खुला रहेगा।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा के निर्देश गुरुवार को अवकाश के दिन पांच महत्वपूर्ण अभिलेखों की सुनवाई होगी। पी यूनिवर्सिटीज की किताबों के लिए चीफ जस्टिस राकेश सिन्हा और जस्टिस ट्रेडर्स अग्रवाल की स्पेशल डिवीजन बेंच का गठन किया गया है।
हाई कोर्ट के इतिहास में यह पहली बार देखने को मिलेगा जब अवकाश के दिन स्पेशल डिवीजन बेंच में पांच इंच की सजा सुनाई जाएगी। खास बात ये है कि सभी नामांकन दाखिलों को मुख्य न्यायाधीशों के निर्देशों पर स्वतंत्र रूप से बात की गई है: स्मरणोत्सव में लिया गया है।
रिजेक्ट जनरल नेजरी की काजलिस्ट
रेकेट जनरल ने पांच पीआईएल का पंजीकरण के साथ ही काजलिस्टरिलीज कर दी है। सभी डिलिवरी दस्तावेजों की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस डिग्रियों के स्पेशल डिवीजन बेंच में होगी। मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा के निर्देश पर स्पेशल डिवीजन बेंच का गठन किया गया है।
बता दें कि चीफ जस्टिस सिन्हा और जस्टिस क्रशर अग्रवाल की स्पेशल डिवीजन बेंच में सभी पांचों पी की सुनवाई होगी। काजलिस्ट के अनुसार तीन मामलों में राज्य सरकार के प्रमुख अभ्यर्थियों को और दो मामलों में केंद्र सरकार और राज्य शासन के प्रमुख दूतावास अधिकारियों को प्रमुख पक्षकार बनाया गया है।
जल जीवन मिशन के काम में सहायक
जल जीवन मिशन के तहत जा रहे काम पूरा हो गया है। मीडिया रिपोर्ट को चयन से लेते हुए उच्च न्यायालय ने स्व:संस्थान में इसे लेते हुए नामांकन के रूप में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। यह मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है। अंडरग्राउंड पाइप लाइन लीकेज में पानी का उपयोग किया जा रहा है। इसे हाई कोर्ट ने नामांकित से लिया है।
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जमानत के मामले को लेकर उच्च न्यायालय संजीदा
अवकाश के दिन जिन पांच मामलों को उच्च न्यायालय ने अपने नाम कर लिया है: नॉमिनल में एक मामला शामिल है, 18 करोड़ के सूर्य प्रकाश घोटाले से संबंधित है। इसमें पंचायत विभाग ने बड़े पैमाने पर स्मारकों को कार्यान्वित किया है। बिना टेंडर व शोरूम के ग्राम सचिवालय के माध्यम से सोलर पैनल लगाया गया है।
मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सत्य सौर लाइट प्लग से राज्य सरकार के पैमाने को भारी नुकसान हुआ है। जहां सोलर सिस्टम लगाया गया है वहां एक भी लाइट नहीं है तो जल रही है और कोई भी सिस्टम ठीक नहीं है।
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कुछ ऐसी भी पंचायतें हैं, जहां लाइट के कागज लगे हैं और कागज में ही गांव में सौर पैनल और लाइट से रोशन हो रहे हैं। कैटरीना एसोसिएट और लाइट क्रेडा के माध्यम से आवंटित किए गए थे। क्रेडा को दस्तावेज संबंधी जानकारी का ही पूरा सिस्टम स्टॉक किया गया है। सीधे तौर पर भंडारे का उल्लंघन किया गया है।