पर प्रकाश डाला गया
- असल में फसल तैयार करने से किसानों को काफी नुकसान होगा।
- रिज़ल्ट के घर तक सड़क, बिजली, पानी नहीं पहुंचता है।
- रिचार्ज ने आंदोलन का निकाला अख्तियार
नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा: एससीसी सीएल गेवरा क्षेत्र के लक्ष्मण परियोजना के विस्तार कार्य से प्रभावित होने वाले परिवारों के लिए आम रास्ता उपलब्ध कराने की मांग को लेकर ब्रिज निर्माण कार्य रोक दिया गया है। सूचना बैठक में अधिकारी स्थल क्षेत्र और वार्ता कर निर्धारण किया गया कि विद्यार्थियों को सलाह के लिए उपलब्ध सामग्री हटा दी जाए।
गेवरा-भैसमाखर के ग्रामीण लंबे अरसे से यहां निवास करते हैं और रेल लाइन की वजह से उनकी पूरी खेती किसानी प्रभावित हो रही है। यह शहरी क्षेत्र नगर निगम के तहत आने के बाकी अभी तक घरों तक क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी नहीं पहुंचा है।
इस संबंध में जिला प्रशासन और एससीसीएल प्रबंधन को स्पष्ट कर समस्या से अलग कर दिया गया है, पर ध्यान न दें जाने पर रिआचल ने आंदोलन का रास्ता अख्तियार और आतिथ्य के साथ सामूहिक काम को बंद कर दिया। बातचीत के दौरान एससीसीएल के अधिकारी ने कहा कि रॉकेट को आम रास्ते से हटाने के लिए पहले जाएंगे और जल्द ही आम निकल जाएंगे। झा ने कहा कि जब तक किसानों के लिए आम रास्ता उपलब्ध नहीं होगा, तब तक रेल विस्तार का काम भी बंद रहेगा। आम आदमी पार्टी बनने के बाद ही रेल विस्तार का कार्य शुरू होगा। इस दौरान जवाहर सिंह कंवर, दीपक चंद्रा, जय कौशिक, दामोदर, राजकुमारी बिजवार, भगत राम, सुक्रिता के साथ काफी संख्या में लोग प्रभावित हुए।
जिला पंचायत समिति की बैठक के बाद भड़के विधायक तुलेश्वर मरकाम
जिला पंचायत समिति की बैठक में सिर्फ एक दिखावा नियुक्त विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम ने कहा कि बैठक में किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकला है। इसके लिए डीसीसी सीएल के गेवरा, दीपका, कुसमुंडा, कोरबा बुडबुड पाली की खदान से प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीण बंदना स्ट्रेन, एससीसीएल प्रबंधन और प्रशासन को समझने और भू-लार्चों की समस्या का समाधान करने की सलाह दी गई। गोल-गोल रिज्यूमे प्रबंधन हमेशा बचने का प्रयास कर रहा है।
आईएसएस आम क्षेत्रवासियों को पदस्थापित किया जा रहा है। बच्चे से युवा बिजनेस बोर्ड हो जा रहा है, नौकरी, बिजनेस, बिजनेस स्टैंडर्ड पर नहीं मिल पा रही है। प्रबंधन और प्रशासन की नाकामी का नतीजा भू-मार्चों को भोगना पड़ रहा है। जिला पंचायत समिति की अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री अरुण शाह ने की। बैठक में शामिल होने के बाद विधायक मरकाम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि डेमोक्रेट द्वारा आत्मानंद के विद्वानों की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएसआर पागल में राशि ही नहीं थी तो फिर वर्जन क्यों दिया गया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जिलों में 42 आत्मानंदा के संस्करणों को शामिल किया था, इसमें 17 कांग्रेसियों के संस्करणों को वर्तमान में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें निश्चित तौर पर सभी मानकों को शामिल करते हुए जांच होनी चाहिए। पूर्व रजिस्ट्रार ने आत्मानंद अभिलेखों के लिए आदेश जारी किया था। डीसीसी सीएल गेवरा क्षेत्र की सीएसआर मैड की प्रत्याशा में मास्टर्स मैड से राइस जारी किया गया था। जब इनके पास पैसा ही नहीं था तो ऑर्डर जारी करना नहीं था। टीचर्स से मनीरिलीज हुआ, वह सीएसआर मैड में पब्लिश हुआ था। रजिस्ट्रार फिर से उसके लिए राशि जारी कर रहे हैं। निश्चित रूप से इस राशि में गड़बड़ी हुई है। विकास के नाम पर खाना पकाने का सामान हो रहा है। उन्होंने कहा कि बैठक का दौर जारी है, जबकि समस्या यथावत बनी हुई है। टीचर्स पागल में पूरी तरह से मंकीबैंट राशि का काम किया गया है। टीचर्स मैड से पंचायत ग्रामों को मैडल बनाया जाए, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, पटवारी भवन, सचिव एसोसिएशन को सुधारा जाए। मर्केम ने कहा कि नेटफ्लिक्स की समस्या यथावत बनी हुई है। इसे लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ही नहीं, सर्व समाज द्वारा आंदोलन किया जाएगा।
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