पर प्रकाश डाला गया
- आधी रात सशस्त्र पुलिस बल झारखंड से लेकर चार्टर छत्तीसगढ़।
- पुलिस ने सबसे पहले उसके गिरोह के 12 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
- अमन पर बिजनेसमैन के ऑफिस के बाहर शूटआउट का आरोप।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई के करीबी अलगाववादी अमीरों को 19 अक्टूबर तक पुलिस में पासपोर्ट का ऑर्डर दिया गया है। यह निर्णय के विशेष मजिस्ट्रेट पुस्तकालय कुमार बंसत की अदालत ने निर्णय लिया।
लॉरेंस बिश्नोई के करीबी अलगाववादी अमीरों को सोमवार को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान कोर्ट में सुरक्षा के प्रति असावधानी बनी रही। अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछताछ के समय अमन के वकील को मौजूद रहने की अनुमति दी है। अब रायपुर पुलिस के दिग्गजों से पूछताछ की गई, ताकि उनके खिलाफ चल रहे मामलों में अहम जानकारी हासिल की जा सके।
19 अक्टूबर को शाम 4 बजे तक अमन साहू को कोर्ट में पेशी का आदेश पुलिस को दिया गया। इससे पहले झारखंड जेल में बंद वामपंथियों अमन साहू को सोमवार आधी रात के वक्त की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच झारखंड से रायपुर लाया गया। उसे झारखंड के सरायकेला जेल से किराने की दुकान पर लाया गया था, जिसमें छत्तीसगढ़ और झारखंड की 30 से अधिक सशस्त्र पुलिस बल की टीम मौजूद थी।
अमन साहू को रायपुर पहुंचने के बाद सीधे शोरूम के कार्यालय में रखा गया, जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, उसके खिलाफ आज अदालत में मुकदमा दायर किया गया और पदमुक्त कर दिया गया, ताकि उसके चल रहे मामलों में पूछताछ की जा सके।
रायपुर प्रेस कोर्ट से छह बार जारी हुई दुकानें
मीराबाई अंबानी को प्रोडक्शन में कम से कम छह बार प्रोडक्शन डिस्काउंट पुलिस मिलती है, लेकिन हर बार सुरक्षा और बल की कमी के कारण रायपुर पुलिस के हाथ खाली हैं।
इस बार कोर्ट ने अमन साहू और उनके दो गुर्गे विक्रम सिंह और आकाश राय नी मोनू के खिलाफ दुकानें जारी की हैं। तीन अभी भी सरायकेला जेल में बंद हैं। हालाँकि अभी यह साक्षात नहीं है कि विक्रम सिंह और आकाश राय भी अमन के साथ रायपुर लेट जा रहे हैं या नहीं।
कोयला की हत्या की साजिश के संबंध में होगी पूछताछ
हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मनोहर अंबानी को ही रायपुर लाया गया है। बाकी दोनों आरोपियों को भी जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। अमन को कोर्ट में पेशकर पुलिस ने पद पर बैठाया। वह पीआरए ग्रुप के संस्थापक और कोयला खदान के घर, कार्यालय की रेकी कर उसकी हत्या करने की साजिश के संबंध में पूछताछ की जाएगी।
13 जुलाई को सड़क और व्हीलचेयर के काम से जुड़े तेलीबांधा रिंग रोड स्थित पीआरए ग्रुप के फ्लैट के बाहर अमन साहू के गुर्गों ने गोली चलाने की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस ने अमन साहू और मलेशिया में बैठे मयंक सिंह गिरोह के कई साथियों सहित साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इससे पहले 23 मई को रायपुर में एक बड़े कोयला खदानों की हत्या करने के इरादे से इस गिरोह के चार खिलाड़ियों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
लेवी वसूलने के इरादे से ली गई थी बंदूक
अपने गुर्गों के माध्यम से लेवी वसूली करने के लिए छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य राज्यों में सड़क निर्माण का ठेका लेने वाले प्रह्लाद राय को मारने के इरादे से नहीं, बल्कि बंदूकें खींचने के इरादे से, ताकि घटना के बाद डारकर हथियार आसानी से लेवी दे सके।
पुलिस ने यह भी स्वीकार किया है कि जिस सुरक्षित तरीके से झारखंड जेल में बंदा अमन साहू अपने गिरोह का संचालन कर रहा है, वह शायद बाहर आने के बाद न कर पाया। अब देखिये कि राजपूत पुलिस के जवान अमन साहू को कोर्ट में पेशकर पिछले दिनों की भर्ती पर लेकर राजभवन में पेश किया गया था।
झारखंड में अमन के खिलाफ 90 केस दर्ज हैं
झारखंड में अकेल के खिलाफ हार्डकोर यूक्रेनी अमानत में 90 मामले दर्ज हैं। हर दूसरे-तीसरे दिन झारखंड की अलग-अलग अदालत में उसकी वर्चुअल पेशी होती है। अमन की अदालत में पेशी और सुरक्षा की निगरानी के बाद अब तक झारखंड पुलिस के प्रोडक्शन प्लांट में उसे रायपुर जीप से बचाया जा रहा है।
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