पर प्रकाश डाला गया
- रात में गायब हो गई थी पत्नी और बेटी, सुबह सड़क मिला किनारा शव
- देर रात तक सूरजपुर संयंत्र में ड्यूटी का संरक्षक बना रहा था
- आरक्षक शेख जब घरेलू छड़ी में खून का निशान देखा गया
नईदुनिया प्रतिनिधि अंबिकापुर। अंबिकापुर, सूरजपुर के महगवां बाइपास रिंग रोड में दो गाड़ियों में किराए पर जब रक्षक डयटी कर घर आया। घटना के वक्त प्रधान रक्षक तालिब शेख सूरजपुर में ड्यूटी कर रहे थे। देर रात करीब एक बजे जब वह घर लौटा तो बाहर का दरवाजा खुला था।
दरवाज़े के बाहर ख़ून का निशान
दरवाज़े के बाहर ख़ून के निशान वाली नज़र से उसका चेहरा उड़ गया। अंदर जब उसने देखा तो पत्नी और बेटी दोनों नहीं थीं। रसोई में काफी सामान बिखरा हुआ था। उन्होंने एसोसिएटेड प्लांट में इसकी जानकारी दी। देर रात मस्कारे मॅस्किट अहिरे वहाँ क्षेत्र।
हथियार से वारकर की हत्या
सुबह करीब नौ बजे पुलिस टीम ने पीढ़ा और जूर मार्ग के दोनों किनारे की पत्नी और बेटी को बरामद कर लिया है। सड़क के एक और सीपीटी की पत्नी की और दूसरी के पति की बेटी की मौत हो गई थी। दोनों के हथियार से वारकर की हत्या की गई है।
रिवाल्वर ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस टीम और अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। कंपनी की जांच जारी है। एसपी अहिरे भी मौके पर डेट पर हैं। इस मामले में अब पुलिस हत्या का अपराध दर्ज कर जांच कर रही है।
दोनों की हत्या क्यों हुई?
प्रधान आरक्षक से भी सूचना प्रौद्योगिकी जा रही है। दोनों की हत्या क्यों हुई ये भी बड़ा सवाल है. लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि हत्यारे कौन थे, वे भी पूरे मामले की रेकी कर रहे थे। उन्हें पता चला कि प्रधान रक्षक रात को देर से लौटेंगे। नीचे के मकान में वह परिवार के साथ किराए पर रहता है और बाहर चला गया है और सुनेपन की संपत्ति में प्रधान रक्षक की पत्नी और बेटी पर घर में घुसकर हमला कर उनकी हत्या कर दी है।
सात किलोमीटर दूर के संबंध में मिला शव
हत्या के बाद दोनों के शवों को वहां से किसी वाहन के जरिए घटना स्थल से लगभग सात किलोमीटर दूर अलग-अलग कचरे में फेंक दिया गया। पुलिस आसपास के लोगों से भी पूछताछ कर रही है। मृतक जहां मिला और जिस मकान में किराए पर रहता है, वहां प्रधान रक्षक रहता है, जांच के लिए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वाड को बुलाया गया है।
प्रधान आरक्षक की पत्नी और उसकी बेटी गायब हो गई थी
लापता प्रधान आरक्षक की पत्नी और उसकी बेटी की तलाश जारी थी। जानकारी के अनुसार सूरजपुर महगवां रिंग रोड में किराए के मकान के ऊपरी मंजिल पर प्रधान संरक्षक तालिब शेख 42 वर्ष, पत्नी महनाज 36 वर्ष और बेटी आलिया 14 वर्ष के साथ रहती हैं। उनकी बेटी सूरजपुर के साधुराम विद्या मंदिर में पढ़ती थी।
प्रधान रक्षक तालिब शेख़ मेडिसिन रहे कॉल
तालिब शेख की पदस्थापना रामकोला स्टेशन पर है लेकिन वह कुछ दिनों से सूरजपुर नागालैंड में संलग्न काम कर रहा था। रोजाना की तरह वह रविवार शाम को मालदीव में छुट्टी कर रही थी। घर में थी पत्नी महनाज और बेटी आलिया। रात करीब 10 बजे तालिब शेख ने घर में पत्नी को मोबाइल से फोन किया लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। तालिब शेख ने लगभग हर जगह काम में शामिल होगी इस वजह से उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया।
तालिब शेख जब घरेलू मैदान में खून का निशान देखते हैं
देर रात करीब एक बजे प्रधान आरक्षक अपने घर पहुंचे वहां दो का नजारा देखा तो वह उड़ गया। घर की पहली मंजिल के बाहर और सीढ़ी में खून से सने किसी व्यक्ति को खींचने के निशान। अनहोनी को संकट से वह घर के अंदर गई तो वहां पत्नी और बेटी दोनों नहीं मिलीं। रसोई में काफी सामान बिखरा हुआ था।
पूरी रात रेस्टोरेंट, सुबह मिला शव।
रात भर दोनों की मॉर्केट रही। वैज्ञानिक भी रात भर समुद्र तट पर बैठे घटना की निगरानी करते रहे। ऊपरी मंजिल से नीचे खेत तक खून के निशान किराए के मकान की पहली मंजिल से नीचे खेत तक खून के निशान के निशान मिलते हैं। घर के पास एक चाकू भी मिला। सुबह मिला शव।
घर बनवा लिया सिल
पुलिस ने घर को निरीक्षण सील कर दिया है। टोरंट टीम को भी मशीन पर बुलाया गया है। आईजी अंकित गर्ग की टीम की जांच कर साइंटिस्ट से मामले को लेकर चर्चा की। तालिब शेख जिस मकान में किराये पर रहते थे वह भिखारी भिखारी का है।
विश्व से क्षेत्र में विश्व
घटना को लेकर तरह-तरह की आपदा का खतरा मंडरा रहा है। पुलिस हर प्रमाणीकरण पर जांच में लगी हुई है। लेकिन जब तक दोनों लापता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई घटना को लेकर पुलिस भी कुछ भी देखने से बच रही है। विश्व के बाद क्षेत्र में पौराणिक कथा प्रचलित है।
नीचे के घर में रहता है दूसरा परिवार
रेलवे के दो कमरों के भूतल वाले हिस्से में काम करने वाले एक कर्मचारी का परिवार रहता है। वह 10 अक्टूबर को अपने परिवार के साथ जयपुर गई थीं। उसके घर में ताला लगा हुआ है। बच्चा परिवार मूलतः यूपी का रहने वाला था। वर्तमान में दोनों परिवार मनेन्द्रगढ़ में रहते हैं। तालिब के पिता हेडकांस्ट टेबल थे। उसके पिस्सू डिवीजन सीएल कर्मचारी थे।
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