पर प्रकाश डाला गया
- 1128 बैकपैक वाली ट्रेन में हर रोज 150 से 170 यात्री ही कर रहे हैं सफर।
- वंदे भारत ट्रेन का व्यवसाय अधिक होने के कारण यात्रियों में निराशा नहीं है।
- स्थिति में सुधार नहीं होने पर रेलवे कोच कम करने का निर्णय ले सकते हैं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। 20 सितंबर से शुरू हुई दुर्ग-विशाखापत्तनम नई वंदे भारत में कॉन्स्टेंट यात्रियों का टोटा बन गया है। इससे रेलवे को बड़ा झटका लग रहा है। नुकसान से बचने के लिए रेलवे कभी भी बड़ा फैसला ले सकता है। दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत ट्रेन के लिए रेलवे के सामने बड़ी चुनौती है। एक तरफ जहां मुख्य रूट की फाइलों में कन्फर्म टिकटों के लिए मरामारी मची हुई है, वहीं समता एक्सप्रेस में लंबी वेटिंग के मामले हैं।
समता एक्सप्रेस के रायपुर स्टेशन पर स्लीपर से लेकर एसी कोच में यात्रियों की भीड़ लगातार देखने को मिल रही है। वहीं 16 कोच की वंदे भारत ट्रेन में से भी ज्यादा यात्री खाली जा रही है। यह स्थिति वापसी में भी बनी हुई है। 1128 बैकपैक वाली दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदेभारत ट्रेन में प्रतिदिन औसतन 150 से 170 यात्री ही यात्रा कर रहे हैं।
अधिक निवेशक कम
दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदे भारत ट्रेन के चलने वाले यात्रियों में कोई विशेष उत्साह नहीं दिख रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ी कीमत बताई जा रही है। गिरावट का कारण यह है कि दोनों तरफ से वंदे भारत आधी खाली मोटरसाइकिल के साथ दौड़ रही है।
रेलवे स्टेशन के अनुसार दशहरा-दिवाली पर्व तक यह देखा जा रहा है कि वंदे भारत ट्रेन को कितने यात्री मिल सकते हैं। अगर आगे भी इसी तरह से सीटे खाली रही तो बिलासपुर-नागपुर वंदे भारत ट्रेन की तरह इसके कोच भी कम करके रैंकिंग देंगे।
यह है दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदे भारत का व्यापारी
-एग्ज़ीक्युटिव क्लास में ब्रेकफ़ास्ट, चाय और मोट्ज़ा के साथ 2,825 रुपये।
-एजीक्यूटीवी क्लास में बिना नाम के व्यापारी 2,410 रुपये
-चेयर कार में ब्रेकफ़ास्ट, चाय, और मोट्ज़ा के साथ 1,565 रुपये।
-चेयर कार में बिना व्यापारी और पानी के व्यापारी 1,205 रुपये।
समता एक्सप्रेस का यह व्यापारी
दुर्ग से विशाखापट्टनम जाने वाली समता एक्सप्रेस के फ़ुर्स्ट एसी का व्यापारी 2100 रुपये, एसोसिएट एसी का व्यापारी 1265 रुपये, और स्थाई एसी का व्यापारी 905 रुपये है।
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