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छुई मिट्टी के झरने के प्रयास में दो पुश्तों की जान चली गई

09 10 2024 09amb 19

नईदुनिया न्यूज,लखनपुर : सरगुजा जिले के लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जामदरा में दीपावली से पहले घर की रंगाई-पोताई के लिए छुई मिट्टी में दो अवशेषों की मौत हो गई। सुरंगनुमा स्थल में ज्वालामुखी छुई मिट्टी की नाली के ऊपर का हिस्सा भरभराकर गिर गया। जब तक मलबा के अरबोन दोनों बाहर निकले, उनकी मौत हो गई।

लखनपुर के ग्राम जामदरा के समीप बिजौरा नाले के पास एक स्थल से गांववाले लंबे समय से छुई मिट्टी के अवशेष हैं। यह स्थल खतरनाक हो गया था। रविवार की सुबह करीब छह बजे जामदरा निवासी हीरामन यादव (60) गांव के ही शिवा यादव (50) के साथ छुई मिट्टी निकालने गया था। बिजोरा नाले के पास एक व्यक्ति विशेष का चारा रह रहा था। उन्होंने दोनों को पेंटिंग पेंटिंग के लिए सुरंगनुमा स्थल पर घुसते हुए देखा था। अचानक उस साइट का ऊपर का हिस्सा भरभराकर गिर गया। तेज आवाज भी हुई. खरी-खोटी सुनाने वाले व्यक्ति को संदेह हो गया कि दोनों छात्र के नीचे दब गए। वास्तविक उसने गांव में व्यापारियों को सूचित किया। बड़ी संख्या में लोग क्षेत्र। मिट्टी के ढेर को हटाया गया तो दोनों मूर्तियों का शव एक दूसरे के करीब मिला। कुन्नी बूथ से भी पुलिस कर्मचारियों को सूचना। घटना से स्वजन में शोक का शोक है।

बारिश के कारण नर्मी हो गई थी मिट्टी

रिवोल्यूशन ने बताया कि मंगलवार को कुन्नी और आसपास के क्षेत्र में बारिश हुई थी। जहां से दोनों ग्रामीण छुई मिट्टी निकाली गईं, उनके आसपास भी बारिश के कारण मिट्टी का बहाव हो गया था। वही स्थल से नाली भी बहती है। बारिश के कारण सुरंगनुमा स्थल का ऊपरी भाग नरभंजकर गिर गया।

कौन सी है छुई मिट्टी

उत्तर छत्तीसगढ़ में छुई मिट्टी का उपयोग ग्रामीण, घरों को रंगने-सजाने में करते हैं। यह चॉकलेट के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। दीपावली से पहले ग्रामीण क्षेत्र में छुई मिट्टी की मांग बढ़ती है। हालाँकि, चुई मिट्टी के अवशेष समय-समय पर कई बार घातक दुर्घटनाएँ भी होती हैं। इस सीज़न में छुई मिट्टी धंसने से लेकर हर साल की झलकियाँ हैं।