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छात्र सुरक्षा बीमा योजना की दरें एक लाख रुपये हैं, डीईओ कार्यालय की जानकारी के अभाव में स्वजन न लें सीट योजना का लाभ

26 09 2024 studentinsurence24
विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना

पर प्रकाश डाला गया

  1. 19 साल में 250 छात्रों की दुर्घटना में मृत्यु पर मिली बीमा राशि।
  2. अधिकांश पालक और विद्यार्थी – छात्राओं को इस योजना की जानकारी नहीं।
  3. अप्रैल 2017 से सरकार ने एक लाख रुपये कर दी।

नईदुनिया न्यूज, जांजगीर-चांपा। सरकारी और मान्यताप्राप्त अनुदान स्कूल, स्नातकों में पढ़ने वाले छात्रों की दुर्घटना में मृत्यु या सांप, बिच्छू के काटने वाला, पानी में डूबने और आकाशीय बिजली से होने वाली मृत्यु पर भी एक लाख छात्रों की सहायता राशि प्रशासन की ओर से छात्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत दी जाती है. इस योजना के तहत पूर्व में दस हजार रुपये दिये गये थे। मगर अप्रैल 2017 से सरकार ने प्लांट की राशी एक लाख रुपये कर दी है।

पिछले 19 पूर्वी शिक्षा विभाग द्वारा जिलों के 250 पालकों को यह सहायता राशि प्रदान की गई है। प्रदेश में 2005 से छात्र सुरक्षा बीमा योजना लागू है, लेकिन अधिकांश पालक और छात्र-छात्राओं को इस योजना की जानकारी नहीं है। सरकारी स्कूलों के अलावा शासन से अनुदान प्राप्त किसी भी स्कूल और स्नातक में पढ़ने वाले छात्रों की किसी भी दुर्घटना में मृत्यु या सामान्य स्थिति में जाने की स्थिति में इस योजना के लिए पात्रताएँ हैं। इसके अलावा सांप, बिच्छू के काटने वाला, पानी में डूबने और आकाशीय बिजली से होने वाली मौत पर भी सुरक्षा योजना का लाभ मिलता है। इसके लिए मामूली प्रीमियम छात्रों को जमा करना है।

पिछले 19 वर्षों से शिक्षा विभाग द्वारा जिले के 250 पालकों को यह सहायता राशि प्रदान की जा रही है। पालकों को इस योजना की जानकारी नहीं होने के कारण आवेदन नहीं कर सकते हैं। जिस कारण छात्र-छात्र की मृत्यु होने पर भी उन्हें इस योजना के तहत बीमा राशि नहीं मिल पाती है।

एक रुपये में होता है बीमा

विद्यार्थी सुरक्षा बीमा योजना के प्रथम से 12वीं तक सभी विद्यार्थी-विद्यार्थियों के लिए बीमा राशि मात्रा एक रुपये के हिसाब से निर्धारित है। यह राक्षसी शुल्क के साथ-साथ स्कॉल में जमा हो जाता है। जिला शिक्षा विभाग सभी स्कूलों में रशीद कंपोनेंट से संबंधित बीमा कंपनी के खाते में जमा करता है।

यह प्रक्रिया जापान से शुरू होती है

छात्रों की दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की स्थिति में स्वजन से संबंधित स्कूल प्रबंधन को सूचित करना शामिल है। मृत्यु प्रमाण पत्र, मृत्यु हो जाने की स्थिति पर मृत्यु प्रमाण पत्र, दुर्घटना में अपंगता हो जाने पर सीएम द्वारा जारी निश्शक्त प्रमाण पत्र और पुलिस रिपोर्ट की केपी के साथ आवेदन जमा करना होता है। संबंधित स्कूल – नामांकित के प्रधानपाठक, कार्यशाला से संबंधित बीईओ कार्यालय में प्रकरण को बताया गया है। वहां से फिर से डियाओ के पास आवेदन करें। संपूर्ण दस्तावेज़ होने के बाद क्लेम की राशि स्वजन को दी जाती है। छत्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटना, सांप, बिच्छू के काटने वाला, पानी में डूबने और आकाशीय बिजली से होने वाली मृत्यु पर एक लाख रुपये की सहायता राशि स्वजन को दी जाती है। ।-अश्वनी कुमार भारद्वाज जिला शिक्षा अधिकारी जांजगीर-चांपा

पिछले साल 19 बच्चों की मौत भुगतान वर्ष 2023-24 में जिले के 19 बच्चों की सड़क दुर्घटना, पानी में डूब, सर्पदंश, और आकाशीय बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई थी। पालकों को विभाग द्वारा छात्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत आवेदन करने के लिए एक लाख रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं चालू सत्र में अब तक आठ छात्रों की मौत पर उनके अभिभावकों ने आवेदन किया है।

केस एक

फ्रेंचाइजी हाईस्कूल नरियारा के छात्र अक्षय निर्मलकर की ट्रेन दुर्घटना में मृत्यु हो गई। छात्र सुरक्षा बीमा योजना की जानकारी के लिए स्वजन ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया और उन्हें एक लाख रुपये का भुगतान किया गया।

केस दो

प्राथमिक शाला सेंदरी की शास्त्रीय पूजा कश्यप की सर्पदंश से मृत्यु हो गई। उन्होंने स्वजन ने भी छात्र सुरक्षा बीमा योजना के तहत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन दिया है। जिस पर उन्हें भी एक लाख रुपये का भुगतान विभाग द्वारा किया गया।

केस तीन

पूर्व माध्यमिक शाला कोलिहादेवरी के छात्र सोहन दास की पिछले वर्ष सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। उनके स्वजन ने छात्र सुरक्षा बीमा योजना की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जाकर आवेदन किया, जिस पर उन्हें एक लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा।