पर प्रकाश डाला गया
- 2021 में सामने आने के बाद सीजेपीएससी ने की कसावट।
- परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में प्रयोग किया गया था।
- 102 पॉइंट के आधार पर अपलोड की गई फोटो का मिलान।
संदीप तिवारी, रायपुर (सीजीपीएससी परीक्षा)। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजेपीएससी) अब आर्टिफिशियल सोसायटी (स्कूल) की मदद के लिए फर्जी लॉटरी को पकड़ने के लिए तैयार है। मंदिरों में धार्मिक स्थलों और धार्मिक स्थलों के उपयोग की व्यवस्था आयोग ने शुरू की है।
इस प्रक्रिया में परीक्षा के दौरान लाइव वीडियो और फोटो के माध्यम से किसी अन्य स्थान पर परीक्षा देने वाले व्यक्ति को आसानी से पकड़ा जा सकता है। निरीक्षण में लॉटरी के प्रवेश द्वारों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग और बायोमीट्रिक टिकटों की ऑनलाइन जांच भी अनिवार्य कर दी गई है।
16 सफल प्रयोग में लिखा गया
सीएससी की 2021 की परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोपों के बाद पीएससी ने यह कहा है। इसका पहला प्रयोग परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक सितंबर 16 को आवेदन में भुगतान किया जाएगा, जो सफल हो रहा है।
बता दें कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव लाइफ किशोर ध्रुव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ कांग्रेस सरकार में गड़बड़ी करने के आरोपों की जांच चल रही है।
यूपीएससी की तरह-तरह की स्थिरता
सीजेपी यूएससी के गांवों को यूपीएससी की तरह ही नजरबंद करना होगा। हमारी सरकार का यह उद्देश्य है कि यह व्यवस्था पूरी तरह से कर्मचारियों की हो। इस दिशा में हम काम कर रहे हैं। -विजय शर्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, तकनीकी शिक्षा।
परीक्षण में ऐसे काम की वास्तुशिल्प तकनीक
मठ आधारित तकनीक से प्रयोगशाला द्वारा तैयार किए गए चित्र और अंशों का मिलान किया जाएगा।
इस दौरान अपलोड की गई सूची में अंतर बैठक पर निरीक्षण कक्ष में खींची गई तस्वीरों का अनावरण किया गया, जो कि पूर्व में आयोजित हुए कार्यक्रमों में शामिल है, जिसमें लगभग पांच लाख लाख की तस्वीरों से मिलान करने की व्यवस्था है। इसके अलावा आधार सिद्धांत की व्यवस्था भी लागू की गई है।