पर प्रकाश डाला गया
- जिले के स्कूलों में पालक-शिक्षक सम्मलेन का आयोजन हुआ।
- दोनों के समन्वय से ही बच्चों का बेहतर विकास सुनिश्चित होता है।
- बच्चों के कारखाने वाले क्षेत्र में नामांकन के लिए बेहतर कार्य करें।
नईदुनिया न्यूज, जांजगीर-चांपा। संस्थागत एवं पालकों के बीच समन्वय बढ़ाने, शिक्षा के गुणवत्ता का पोर्टफोलियो बनाने के लिए आज सभी जिलों के पालक-शिक्षक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में कलेक्टर आकाश चिकाराश्री स्वामी आत्मानंद वैलिड स्कूल रेस्टॉरेंट एक जांज गीर में आयोजित पालक शिक्षक सम्मेलन में शामिल हुए।
कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए, जो केवल बच्चों को ज्ञान प्रदान न करें, बल्कि उन्हें अच्छा नागरिक बनाएं। उन्होंने छात्रों को समय-समय पर इलेक्ट्रिकल वर्कशॉप में कड़ी मेहनत करने की अनुमति दी।
कलेक्टर ने कहा कि बच्चों में शिक्षा के स्तर में वृद्धि में इलैक्ट्रिक इलैक्ट्रॉनिक का योगदान रहता है, केवल अभिभावकों का योगदान रहता है। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई का नियमित मूल्यांकन करने और स्कूल की बैठक में नियमित रूप से शामिल होने का निर्णय लिया।
बच्चों से संवाद करें, बच्चों से पूछें आज क्या सीखें? बच्चा जब स्कूल से घर आया तब माता-पिता ने यह सुनिश्चित किया कि वह आज स्कूल में क्या पढ़ें और आज क्या सीखें, इसकी जानकारी बच्चों से अनिवार्य रूप से प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि आदर्श स्टूडियो से मिलजुलकर बच्चे की पढ़ाई कैसे हो रही है।
बच्चों के कारखाने वाले क्षेत्र में नामांकन के लिए बेहतर कार्य करें।
पीटीएम में पाल्स ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ कौशल भी सिखाया जाए जिससे बच्चों का मानसिक विकास शारीरिक विकास भी हो सके। इस पद पर सहायक रजिस्ट्रार दुर्गा प्रसाद अधिकारी, संयुक्त निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ठाकुर, शिक्षक और शिक्षिकाओं के तिवारी सहित पालक, छात्र-शैक्षणिक एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
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