पर प्रकाश डाला गया
- पर्वतारोहण राहुल गुप्ता ने बताया शरीर को सागर ले जाने वाली ठंड में आसान नहीं था सफर।
- राहुल ने माउंट कोज़िस्को पर ‘छत्तीसगढ़िया सबले ग्रेट’ का दिया संदेश दिया।
- इस अभियान में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा और यूपी की 11 पर्वतारोही शामिल थीं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। 4 से समुद्र तट 5 डिग्री सेल्सियस समुद्र तट पर शरीर को जमा देने वाले इस ठंड में माउंट कोज़िस्को की चोटी तक पहुंचना अदृश्य दृश्य आ रहा था। लेकिन अर्जुन की तरह लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित कर 14 अगस्त की रात दो बजे से शुरू कर दिया। जैसे-जैसे-वैसे वे जमीन पर जा रहे थे, शरीर पर बर्फ की तरह जमने लगा। लेकिन हार नहीं मानी गई इंटरव्यू जारी की गई और आख़िरकार 15 अगस्त को सुबह-सुबह चोटी तक पहुंच कर नारा दिया गया।
वैज्ञानिक की सबसे निचली चोटी कोज़िस्को (7,310 फ़ुट) फ़तह कर चोटी पर ध्वजारोहण की यह राहुल सफ़र गुप्ता ने बताई है। दुनिया के सबसे निचले माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाले राहुल गुप्ता ने एक बार फिर एक बार प्रदेशवासियों को गौरवान्वित किया है। पर्वतारोही राहुल ने स्वतंत्रता दिवस के दिन 15 अगस्त को माउंट कोज़िस्को में झंडा फहराया है। राहुल गुप्ता ने माउंट कोज़िस्को की चोटी से देश वासियाएं को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी।
छत्तीसगढ़िया सबले महान का संदेश
सड्डू रैपर बोर्ड काली रेजिडेंट पर्वतारोही राहुल गुप्ता ने बताया कि माउंटेन स्टोरी का यह अभियान दिल्ली के मिशन पासिबल द्वारा आयोजित अभियान का हिस्सा है। इस अभियान में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की कुल 11 पर्वतारोही शामिल थीं। अभियान का नेतृत्व हरियाणा के नरेंद्र यादव ने किया।
रोहन की शुरुआत भारतीय समय 14 अगस्त की रात 2 बजे आखिरी कैंप से और दोपहर 5 बजे 9 बजे के करीब छोटी पर सफलता प्राप्त हुई। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा, “आज छत्तीसगढ़ में माउंट कोज़िस्को के ताप पर, छत्तीसगढ़िया सबले महान का भी वचन दिया।”
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