सीजी न्यूज: अगर आप नशे में गाड़ी चलाने के आदी हैं तो आप अपनी आदत बदल लें। क्योंकि यदि नशे की हालत में आपकी गाड़ी से दुर्घटना में किसी की मृत्यु हो जाती है तो अब ऐसी स्थिति में धारा 304 लागू नहीं होगी। यानी परिस्थितियों की सजा भी बढ़ा दी गई और उसे परिस्थितियों से जमानत भी नहीं मिली। ये फैसले ऐसे थानों के पुलिस निरीक्षकों को बिलासपुर एसपी राजेश सिंह ने दिए हैं।
ऐसे में धारा 304 और 304ए में अंतर
धारा 304 का सड़क निर्माण में बहुत कम उपयोग होता है। सड़क दुर्घटना में मौत होने पर पुलिस ने धारा 304 ए के तहत मामला दर्ज किया था। फिर भी, चाहे वह ड्राइवर शराब के नशे में ही क्यों न हो। इस धारा में आदर्श निरीक्षक को सीधे जमानत मिल जाती है, जबकि धारा 304 में कोर्ट से चालक को जमानत मिलती है और अपराध सिद्ध होने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है। (सीजी न्यूज)
More Stories
Chhattisgarh: अबूझमाड़ में नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच चल रहा एनकाउंटर, दोपहर से हो रही फायरिंग
सागर समाचार: सरकारी स्कूल में इलेक्ट्रानिक ने जन्मा बच्चा, उसी दिन श्मशान में मिली नवजात की अधजली की मौत
Hemant Soren सीएम हेमंत सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट से राहत