प्राथमिक पात्र, गरियाबंद। न धौंस खेल न खतरनाक काम आई, प्रदेशभर में सर्वाधिक मतदान 81.19 प्रतिशत बिन्द्रानवागढ़ में हुआ। कई में शेयरधारकों की सहमति के बावजूद, भारी पैमाने पर आक्रामकता को चुनौती देने वाले सफल और सर्वोच्च मतदान वाले प्रशासन में सफल रहे।
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गरियाबंद जिले के बिंद्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सफल मतदान की बड़ी चुनौती थी, जिला प्रशासन की कुशल रणनीति और बेहतर सहयोग के साथ यह सफल ही नहीं बल्कि प्रदेश में सबसे अधिक मतदान वाले क्षेत्र का नाम दर्ज हो गया। जिले में कुल 81.19 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें राजिम में 75.59 तो बिंद्रानवागढ़ में 81.19 प्रतिशत मतदान हुआ।
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सिद्धांत की समझ एक काम
उदंती अभ्यारण्य के अंतर्गत पूर्वोत्तर कोयबा, जाबिन खार, इंदागांव और गरीबा पंचायत ने मतदान के सप्ताहभर पहले चुनाव बहिष्कार का प्रमुखता से प्रशासन की नींद उड़ा दी थी। कल जब पूरे इलाके में मतदान केंद्र में हलचल शुरू हुई तो वही कोयबा के दो मतदान केंद्र नागेश, साहेबिन खार, कोदोमाली और बड़ा मतदान केंद्र में छात्र पसरा रहे। दिनते चढ़ते जा रहा था प्रशासन में चिड़ियाघर मची हुई थी। सुबह 10 बजे इन इलाकों के प्रतिनिधियों और पर्यटकों के साथ चर्चा करने के लिए उन्हें बम्हनी झोला बुलाया गया। सिद्धांत तुलसीदास मरकाम, सिद्धांतपी बाजीलाल के साथ कई शिष्यों ने मूर्ति से चर्चा शुरू की।
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शुरुआती 2 घंटे की चर्चा में रिस्टिल का तीसरा कम नहीं हुआ। उद्यमों से गोदामों के अधिकांश भाग के उत्तर कोरिया के पास नहीं थे। बात बनने के सलामती जा रही थी. इस बैठक की पल पल की जानकारी जिला प्रशासन ले रही थी, ऐसे में मोर्चा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले पर चर्चा की गई। पहले उन्होंने सब की बातें फिर अपनी बात अपने अंदाज में रखनी शुरू कीं। कांबले कड़क मिज़ाज के साथ ही शांत तरीकों से ठोस पक्ष बनाए रखने के लिए जाएं। ऐसे में उन्होंने प्रतिमा के हर प्रश्न का एक उत्तर देकर शांत करा दिया। करीब 45 मिनट तक चली चर्चा में कांबले ने अपडेट की समस्या नोट की फिर कहा कि सभी को आपने अजमाया। अब आपकी समस्या के साथ पुलिस खड़ी रहेगी। आमामोरा ओडी में 20 साल से रुकी हुई पक्की सड़क का उदाहरण देते हुए कहा गया कि एक्सफ़्यूज़ आईएमएस हल नहीं है। अंधविश्वास की चर्चा का असर भी हुआ. गरीबा, सबिन, कोडोमाली, नागेश में वोटिंग एक पीएम से शुरू हुई, क्योंकि यहां 3 बजे तक वोटिंग होती थी। इसी तरह कोयबा के बूथों पर दोपहर दो बजे के बाद चर्च की भीड़ देखकर लोग भी गदगद हो गए।
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पुरातनपंथी भारी भरकम बैलेट
मछुआरे माने जाने वाले मतदान केंद्र ओढ़ में 79%, आमामोरा में 63%, गरीबा में 17%, कमारभौदी में 83% बड़े, गोबरा में 75.7% गौड़ गांव में 33.45% ज़बीन खार में 12.5%, कोदोमाली में 48%, नागेश 53 % प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं बहिष्करण करने वाले ग्राम कोयबा में 63% वोटिंग कर कैथोलिक ने निडरता का परिचय दिया है। चुनाव से पहले अमलीपदर थाना क्षेत्र के कई गांवों में उंगली काटने वाले के खतरे की खबर मिली आ रही थी। इस ख़तरनाक के बावजूद इलाक़े में हुए मतदान प्रतिशत ने भय मुक्त मतदान का परिचय दिया है।
यह थी 20 अतिरिक्त कंपनी
जिले में तारीख फोर्स के अलावा अन्य जिलों में 20 अतिरिक्त कंपनियों की स्थापना की गई थी, जिसमें 15 सी. अपरिपक्व जिले, 4 एमपी एसपीटी, 1 सीएएफ, शामिल प्रतिष्ठित प्रतिष्ठित क्षेत्र में शामिल कर भय मुक्त मतदान की सफलता का प्रयास किया गया था। दो दिन पहले बस्ती इलाके में सूर्योदय से निरीक्षण की जा रही थी। अभ्यारण्य क्षेत्र में मतदान दल को निकालने के लिए भी पुलिस ने ड्रिलिंग रणनीति अपनाई। प्रोटोटाइप मार्गदर्शक के पहले से ही प्लान में कम रिवाइवल वाले रजिस्ट्रेशन का चयन किया गया। अमामोरा ओढ़ में दल को ले जाने के लिए सेना चौपर का इस्तेमाल किया गया।