छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रदेश के हर कोने में बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता का अलख जगाने के लिए ‘बाल चौपाल’ के रूप में एक ख़ास मुहीम चलायी जा रही है .आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे खुद गाँव –गाँव जाकर ग्रामीणों और बच्चों को बाल संरक्षण और बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूक कर रही हैं, इसी कड़ी में आज श्रीमती प्रभा दुबे ने कोंडागांव के सुदूर ग्राम किबई बालेंगा और ग्राम मालाकोट में ‘बाल चौपाल’ लगाई. श्रीमती दुबे और छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने यहाँ बच्चों को उनके क़ानूनी अधिकारों ,गुड टच –बैड टच के बारे में जानकारी दी और संकट के समय बचाव के उपायों पर भी चर्चा की . उन्होंने कहा कि समझदारी और जागरूकता से बच्चों का शोषण और उनके खिलाफ हो रहे अपराधों को रोका जा सकता है .उन्होंने कहा कि अपराधी बच्चों की नासमझी का फायदा उठाकर और उन्हें छोटी –छोटी चीजों का लालच देकर अपने घिनौने कृत्यों को अंजाम देते हैं. इसलिए बच्चों के माता-पिता को बच्चों को इस तरह की घटनाओं और और बचाव की जानकारी देते रहना चाहिए.बच्चों को घर में एक सकारात्मक माहौल बनाना चाहिए ताकि वे खुलकर अपनी बात कहें. साथ ही अभिभावकों को नियमित रूप से अपने बच्चों से बातचीत कर उनके आस पास के घटना क्रम,स्कूल और अन्य स्थानों की गतिविधि का बारे में जानकारी लेनी चाहिए. बच्चों को अंजन व्यक्तियों और आस पास के परिचितों के व्यव्हार को लेकर भी चर्चा करनी जरूरी है. बाल चौपाल में बड़ी संख्या में बच्चे और ग्रामीण शामिल हुए. श्रीमती दुबे ने अपने कोंडागांव प्रवास के दौरान रामकृष्ण आश्रम का भी निरीक्षण किया .इस दौरान आश्रम के बच्चों ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ के सन्देश पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया.इस दौरान आयोग के सदस्य श्री अरविन्द जैन सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी कर्मचारी भी उपस्थित थे.
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