छत्तीसगढ़ महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक के मुख्य आतिथ्य में आज प्रधान महालेखाकार (लेखापरीक्षा) कार्यालय एवं प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) कार्यालय भवन में ‘कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के रोकथाम एवं निवारण’ विषय पर कार्यशाला आयोजित की गयी।
श्रीमती नायक ने कार्यशाला में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम से संबन्धित वैधानिक प्रावधानों की चर्चा की तथा अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दिया।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सुश्री पूजा अग्रवाल, सहायक पुलिस महानिरीक्षक ने महिला सुरक्षा के संबंध में छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा लागू की जा रही विशिष्ट सुविधाओं के संबंध में सभी धिकारियों-कर्मचारियों को अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा बनाये गये मोबाइल ऐप ‘अभिव्यक्ति’ के माध्यम से कोई भी महिला तत्काल सहायता प्राप्त कर सकती है।
प्रधान महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी) श्री पूर्ण चन्द्र माझी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कार्यस्थल में महिलाओं की लैंगिक उत्पीड़न से सुरक्षा के संबंध में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित किया और विशाखा गाइडलाइन तथा संबंधित अधिनियमों एवं प्रावधानों की चर्चा की।
कार्यशाला में कार्यालय की आंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्ष श्रीमती एम उमा, उपमहालेखाकार ने अपने उद्बोधन का प्रारम्भ ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ के साथ किया और कहा कि भारत के संविधान में सभी नागरिकों को समानता का अधिकार दिया गया है और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का रोकथाम और निवारण इसका एक अभिन्न अंग है।
उपमहालेखाकार सुश्री जी. एजिलारासी द्वारा अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आशा श्याम, वरिष्ठ लेखापरीक्षा अधिकारी द्वारा किया गया।
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