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माइन्डस्पार्क एप्प निःशुल्क शिक्षण सॉफ्टवेयर से जांच सकेंगे शिक्षा का स्तर

नीति आयोग की सहयोगी संस्था पिरामल फाउंडेशन और शिक्षा विभाग के तत्वाधान में जिला पंचायत कार्यालय सभाकक्ष में एक दिवसीय बीईआई माइंडस्पार्क एप्प पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी श्री राजेश कुमार सिंह ने कहा कि पिरामल फाउंडेशन द्वारा शासकीय शालाओं में छात्रों के सीखने की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बीईआई माइंडस्पार्क के माध्यम से इसमें मदद मिल रही है। उन्होंने सभी संकुल समन्वयक इस कार्यक्रम में अपना पूरा योगदान देने तथा इसे सफल बनाने व माइन्डस्पार्क एप्प को बच्चों तक पहुँचाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह एप पालक के मोबाइल में सक्रिय करने में सहयोग करें।  
    प्रोग्राम लीडर श्री हेमन्त कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में बीईआई कार्यक्रम के अन्तर्गत 5 ब्लाक राजनांदगांव, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, छुरिया एवं छुईखदान-गन्डई-साल्हेवारा के 160 स्कूल का चयन किया गया है। जिसमे कक्षा 6वीं से 9वीं तक के बच्चों लक्षित 4693 बच्चों के साथ काम कर रहे हैं। यह छात्र-छात्रा इस एप्प के माध्यम से व्यक्तिगत वास्तविक सीख से अपना शिक्षा का स्तर जाँच सकेंगे। साथ ही उनका स्टूडेंट लर्निंग आउटकम बढ़ेगा। छात्र-छात्रा को माइंडस्पार्क एप्प को पहली बार लागिन करके सक्रिय करना है। फिर यह एप्प 40-45 प्रश्न से असेसमेंट कर आपके स्तर के अनुसार अध्याय निर्मित करता है और पढ़ने व सीखने में मदद करता है। प्रोग्राम मैनेजर महाकाल सिंह ने बताया कि माइंडस्पार्क ए्प्प एक व्यक्तिगत अनुकूली शिक्षण सॉफ्टवेयर है, जो प्रत्येक छात्र को उसके वास्तविक सीखने के स्तर और व्यक्तिगत गति पर सीखने की अनुमति देता है। छात्रों को माइंडस्पार्क ए्प्प के लिए अपने दैनिक उपयोग के लक्ष्यों को सक्रिय रूप से उपयोग करने और प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। सहायक कार्यक्रम समन्वयक मनोज मरकाम ने कहा कि संकुल समन्वयक व शिक्षकों की भूमिका एक कक्षा में अलग अलग स्तर के विधार्थी होते हैं और कोविड-19 संक्रमण के समय से स्टूडेट लर्निंग आऊटकम में भी कमी आई है। जिसके कारण एक कक्षा के सभी विद्यार्थियों को एक प्लेटफार्म पर पढ़ाने में शिक्षकों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। माइंडस्पार्क एक व्यक्तिगत अनुकूली शिक्षण सॉफ्टवेयर है। जिसकी मदद से शिक्षक कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के स्तर से अवगत हो पाएंगे और विद्यार्थियों को उनके स्तर के अनुसार मदद कर पाएंगे। शिक्षक साथी कक्षा 6वीं से 9वीं के विद्यार्थियों के साथ माइंडस्पार्क वेब ब्राउजर एवं एप्लिकेशन के नियमित उपयोग पर चर्चा करना। चयनित स्कूलों से एक-एक नोडल टीचर भी चयन किये जाँयेगे। गाँधी फैलो निधि निराला पिरामल फाउंडेशन जिला शिक्षा विभाग के साथ मिलकर शासकीय शालाओं में कक्षा 6वीं से 9वीं के विद्यार्थियों को डाटा संग्रहित किया गया। बच्चों को आईडी और पासवर्ड शासकीय शालाओं में उपलब्ध कराया गया। आईडी और पासवर्ड मिलने के बाद छात्रों को लॉग-इन कराना, लॉग-इन होने के बाद तीन विषय हिन्दी, गणित अंग्रेजी बेसिक टेस्ट देना, जिन विद्यार्थियों ने एक माह में 2 या उससे अधिक बार कम से कम 30 मिनट या उससे अधिक एप्लीकेशन का उपयोग करना है। शिक्षकों द्वारा बच्चों को रेगुलर फॉलोअप लेना तथा समय समय पर प्रेरित करके विद्यार्थियों की प्रगति को चेक करते रहना। गाँधी फैलो उत्पल आनन्द माइंडस्पार्क एप्प की विशेषतायें बताते हुए बताया माइंडस्पार्क एक व्यक्तिगत अनुकूली शिक्षण सॉफ्टवेयर है। यह निःशुल्क में विद्यार्थियों को मिलेगा। हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध है। बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मकता पर आधारित है। 2 जी नेटवर्क तो था 100 एमबी मोबाइल डाटा कंयूम होगा। माइंडस्पार्क एक ऐसा मंच है, जहां पर विधार्थी अपने प्रश्नों को हल करते हैं तथा गतिविधियों एवं खेलों के माध्यम से सीखते हैं। इस कार्यक्रम में जिला शिक्षा अधिकारी सर्वश्री राजेश कुमार सिंह, एपीसी मनोज मरकाम, विकासखंड óोत केन्द्र राजनांदगांव भगत सिंह ठाकुर, विकासखंड óोत केन्द्र डोंगरगांव, अरविंद रत्नाकर, विकासखंड óोत केन्द्र डोंगरगढ़ महेंद्र श्रीवास्तव, विकासखंड óोत केन्द्र छुरिया पीडी साहु,  सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी डोंगरगढ़ बिके गर्चा, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी डोंगरगांव रश्मि ठाकुर, 78 संकुल समन्वयक, पिरामल फाउंडेशन से प्रोग्राम मैनेजर, महाकाल सिंह, प्रोग्राम लीडर हेमन्त कुमार वर्मा, गांधी फेलो उत्पल आनंद, गांधी फेलो टीकम नागर, गांधी फेलो निधि निराला और करूणा फेलो शिवानी शर्मा उपस्थित थे।