मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के मत्स्य कृषकों एवं मछुआ समाज को विश्व मात्स्यिकी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि छत्तीसगढ़ लैण्ड लॉक प्रदेश होने के बावजूद भी मत्स्य बीज उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादन में देश में 6वें स्थान पर है। यह हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय राज्य के मत्स्य पालक कृषकों एवं मछुआरों को है। जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत से छत्तीसगढ़ राज्य को मत्स्य पालन के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान दिलाया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने कई प्रभावी कदम उठाएं हैं, ताकि मत्स्य कारोबार से जुड़े लोगों के जीवन स्तर में एक सुखद बदलाव लाया जा सके। छत्तीसगढ़ राज्य में मछलीपालन को कृषि का दर्जा दिया है। मत्स्य पालन करने वाले कृषकों को अब सामान्य कृषकों के समान ही सहकारी समितियों से बिना ब्याज के सहजता से ऋण उपलब्ध होने लगा है। मत्स्य पालन कृषकों को रियायती दर पर विद्युत की भी सुविधा दी जा रही है। मत्स्य पालन करने वाले लोग सामाजिक एवं आर्थिक रूप से आगे बढ़े, यही हमारी कोशिश है। छत्तीसगढ़ सरकार मत्स्य पालन कृषकों एवं मछुआरों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नयी मछलीपालन नीति तैयार की गई है। इसके जरिए मछुआरों को कई रियायतें दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है, ताकि वह और बेहतर ढंग से मछलीपालन कर सकें। राज्य में परंपरागत रूप से मछलीपालन के स्थान पर नई मत्स्यपालन तकनीक को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य में मात्स्किीय महाविद्यालय शुरू किया है, ताकि हमारे युवा शिक्षा प्राप्त कर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे सकें और इसको अपनाकर आत्मनिर्भर बन सके।
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