राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान छत्तीसगढ़ रायपुर में ‘आवर्ती चराई योजना प्रबंधन‘ विषय पर वन कर्मचारियों के लिए 16 से 17 अगस्त 2022 तक दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है। जिसका आज मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने शुभारंभ किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के तीन वन वृत्तों सरगुजा, जगदलपुर एवं कांकेर वृत्त के सभी वनमण्डलों से सीनियर सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसरों, सर्किल फॉरेस्ट ऑफिसरों एवं बीट फॉरेस्ट ऑफिसरों सहित कुल 51 प्रशिक्षणार्थी ने हिस्सा लिया।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वन क्षेत्रों में चयनित स्थानों पर आवर्ती चराई योजना के अंतर्गत पशुओं के लिए पीने का पानी, खाने के लिए चारे की व्यवस्था उपलब्ध कराना एवं आवर्ती चराई क्षेत्र के स्थानीय लोगों को आयमूलक गतिविधि (जैसे गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, कुक्कुट पालन, सुअर पालन, साग-सब्जी उत्पादन, बकरी पालन आदि) के माध्यम से उनके जीविकोपार्जन को सुदृढ़ एवं उनके आय में वृद्धि करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। वन मंडल अंतर्गत स्वीकृत आवर्ती चराई केन्द्रों में मवेशियों के लिए आराम करने एवं ठहरने के लिए अस्थाई शेड एवं चबूतरा का निर्माण किया जाता है। पशुओं के चारे संग्रहण के लिए अस्थाई शेड निर्माण किया जाता है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक श्री अतुल कुमार शुक्ल द्वारा किया गया एवं संस्थान के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अनूप कुमार बिश्वास एवं अपर संचालक श्री एन. गुरूनाथन सहित मुख्य वन संरक्षक दुर्ग वृत्त श्री बी.पी. सिंह एवं मुख्य वन संरक्षक, कांकेर वृत्त श्री राजू अगासीमनी विशेष रूप से उपस्थित थे। इस संस्थान में लगातार वानिकी एवं वन्यप्राणी के महत्वपूर्ण विषयों पर पूरे वर्ष भर प्रशिक्षण आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।
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