प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के साथ ही प्रयोगशालाएं भी अनिवार्यतः प्रारंभ होनी चाहिए। संचालक लोक शिक्षण ने सभी संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी और हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि स्कूलों में प्रयोगशालाओं का विधिवत संचालन किया जाए।
संचालक लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य स्तरीय अधिकारियों को जिला आबंटित कर जिलों की शालाओं का संघन निरीक्षण करने का दायित्व सौंपा गया है। इसके लिए संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी और हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूलों के प्राचार्यों को भी निरीक्षण का लक्ष्य दिया गया है। उल्लेखनीय है कि स्वयं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग से विभिन्न राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों के संघन दौरे आगामी सप्ताह में होंगे। जिसमें मुख्यतः प्रयोगशालाओं का भी निरीक्षण किया जाएगा। अतः सभी संबंधितों को निर्देशित किया गया है कि प्रयोगशालाओं की साफ-सफाई कर ली जाए, आवश्यक सामग्रियों की पूर्ति एवं आवश्यक यंत्रों को व्यवस्थित कर लिया जाए। शिक्षा सत्र के प्रारंभ से ही प्रयोग संबंधी गतिविधियों का संचालन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इस दिशा में किसी भी प्रकार की उदासिनता एवं लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रायः देखने में आया है कि हाईस्कूल एवं हायर सेकण्डरी स्कूल में प्रयोगशालाएं शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ होने के साथ ही संचालित नहीं हो पाती है, जिससे शैक्षणिक कार्यों के समांतर प्रायोगिक कार्य गंभीर रूप से प्रभावित होते है।
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