निजी विद्यालयों में निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत ऑनलाइन आवेदन करने में पालकों को परेशानी हो रही है। दरअसल, स्कूलों के ऑनलाइन रिकार्ड बनाते समय कुछ त्रुटियों की वजह से पालक अपना मनचाहा स्कूल नहीं खोज पा रहे हैं।
इंडस कंपनी को स्कूल शिक्षा विभाग ने आरटीई के तहत वार्ड और मोहल्ले के स्कूलों का नाम व रिकार्ड ऑनलाइन करने की जिम्मेदारी दी है। आलम यह है कि रायपुर में ही अपने वार्ड में पालक मनचाहे स्कूल को नहीं खोज पा रहे हैं। शिकायत करने पर इन स्कूलों का नाम दूसरे वार्ड या मोहल्ले में मिल रहा है।
हालांकि रायपुर में आरटीई के तहत छह हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 26 मई है। प्रदेश में ऑनलाइन सिस्टम के अंतर्गत 6213 निजी विद्यालयों का पंजीकरण किया गया है। इन विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं में दर्ज संख्या का 25 प्रतिशत सीट आरटीई की धारा 12 के अंतर्गत आरक्षित रखा गया है।
इन बच्चों को देना है दाखिला
अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर एवं वंचित वर्ग के परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश दिया जाना है। प्रवेश की कार्यवाही शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए होगी। जिला शिक्षा अधिकारी एएन बंजारा ने बताया कि कुछ स्कूलों का नाम डिस्प्ले न होने की जानकारी पालकों ने दी तो उस समस्या को पूरा कर लिया गया।
केस 01
राजकुमार कॉलेज डगनिया में
शहर के राजकुमार कॉलेज (स्कूल) का रिकार्ड मोहल्ले के नाते रामकुंड में आना चाहिए, लेकिन इसे डगनिया में जोड़ दिया गया है। यहां के 10 से 15 पालकों ने मौखिक शिकायत की कि उन्हें स्कूल नहीं मिल रहा है। इसके बाद त्रुटि सुधारी गई।
केस 02
बंजारी माता वार्ड दो बार, पालक कन्फ्यूज
रायपुर नगर निगम और बिरगांव नगर निगम दोनों के अंतर्गत बंजारी माता वार्ड है। बिरगांव बंजारी माता वार्ड और भनपुरी में बंजारीधाम का नाम सेम वार्ड में करने से ऑनलाइन रिकार्ड खोजने में दिक्कत हुई।
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