छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति सबसे बेहतर और आकर्षक है। यहां पर उद्योगों के विकास के लिए आधारभूत संरचनाएं, मानव संसाधन एवं बिजली जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध है। हमारी उद्योग नीति ऐसी है, जिसमें कोई भी उद्योगपति एनपीए नहीं होगा। यह उद्योगपति स्वयं स्वीकार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह बात आज राजधानी रायपुर में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन द्वारा आयोजित एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उद्योगपतियों को निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा- आप दो कदम आगे बढ़िये, आपको छत्तीसगढ़ में सारी सुविधाएं के साथ सहयोग भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो छत्तीसगढ़ कभी नक्सल समस्या के कारण जाना जाता था, अब यहां वह बात नहीं है। यहां बस्तर में नियमित विमान की सेवा की सुविधा उपलब्ध है। छत्तीसगढ़ देश का हृदय है। बिलासपुर से एयर कनेक्टीविटी की सुविधा भी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि राजधानी रायपुर सड़कमार्ग, रेलमार्ग से देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। हमारी उद्योग नीति इतनी अच्छी है कि हमने पिछले तीन वर्षों में करीब 70 हजार करोड़ रूपए का एमओयू किया है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में कार्गों की स्थापना की आवश्यकता भी जताई।
उन्होंने कहा कि हम अपने गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित कर रहे है। यहां पर उद्योगपतियों को जमीन, सेड तथा स्व-सहायता समूह के रूप में मानव संसाधन मिलेंगे।यहां पर बिजली भी तैयार हो रही है। छत्तीसगढ़ में उद्योगपति आये, बिना किसी अतिरिक्त प्रक्रियाओं का पालन किए, कलेक्टर को आवेदन देकर उद्योग स्थापित करें। यहां के युवाओं को प्रशिक्षण दें, गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त कर आय अर्जित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पर खनिज के साथ-साथ कृषि और वनोपज के क्षेत्र में धनी राज्य है। राज्य सरकार ने इस क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया है। हमारे यहां धान की 23 हजार से अधिक प्रजातियां है। हमने 14 जिलों को आर्गनिक जिला घोषित किया है। हमारा प्रदेश देश में सबसे अधिक लघु वनोपज इकट्ठा करने वाला राज्य हैं। हम 200 फूडपार्क स्थापित कर रहे है, जिनमें 110 फूडपार्क के लिए भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है। लघु वनोपज की प्रोसेसिंग की जा रही है।
श्री बघेल ने कहा कि भारत में छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य है जिसने गोबर को खरीदा और गोबर से पैसा कमाकर दिखाया। आज हमारे राज्य में गोबर से गमले, दीए, अगरबत्ती, धूपबत्ती बना रहे है, अब तो गोबर से पेंट बनाया जा रहा है, साथ ही गोबर से बिजली भी बनाई जा रही है। दंतेवाड़ा की महिला स्व-सहायता समूहों ने कमाल करके दिखाया, उन्होंने होली के समय गोबर से गुलाल भी बनाया। जिसका हमने उपयोग भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल की चुनौतियों का हमने सफलतापूर्वक सामना किया। हमने इस कठिन दौर में वर्ष 2019-20 से 2020-21 के दौरान 81.5 प्रतिशत का ग्रोथ हासिल किया है, निश्चित रूप से यह बहुत बड़ी सफलता है। वर्ष 2019-20 में हमने 1.278 बिलियन डॉलर का निर्यात किया था, जबकि 2020-21 में 2.320 बिलियन डॉलर का निर्यात हुआ है। उन्होंने कहा कि हम आप सबके सहयोग से भारत सरकार ने वर्ष 2027-28 के लिए 1000 बिलियन डॉलर का जो राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया है, उसमें सहभागी बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में लगे विभिन्न स्टार्टअप स्टॉलों का अवलोकन किया। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के स्टॉल में मुख्यमंत्री के आग्रह पर शिल्पकार ने ठोड़ी बजाकर दिखाया।इस अवसर पर उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाईजेशन के रीजनल चेयरमेन श्री नंदकिशोर कांग्लीवाल तथा देश-प्रदेश से आए उद्योगपति उपस्थित थे।
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