छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ एवं अवनी आयुर्वेदा प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान प्रशिक्षण केंद्र रायपुर में छत्तीसगढ़ हर्बल्स उत्पाद विक्रय केंद्र संजीवनी के समस्त संचालनकर्ताओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संजीवनी में गत सत्र में हुई बिक्री में बढ़ोत्तरी हेतु प्रत्येक संचालनकर्ताओं के योगदान को प्रोत्साहित करना तथा उन्हें समय पर विक्रय लक्ष्य पूर्ण करने पर सम्मानित करना था। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ हर्बल्स उत्पाद विक्रय केन्द्र संजीवनी के बेहतर से बेहतर संचालन के लिए प्रोत्साहित किया गया।
गौरतलब है कि घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। अमेजन एवं फ्लिपकार्ट जैसे प्रमुख ऑनलाईन व्यावसायिक प्लेटफॉर्म्स पर भी छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद विक्रय के लिए उपलब्ध हैं। अब छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय विभागों को हर्बल्स ब्रांड के उत्पादों की खरीदी करने पर 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य शासन के सभी विभागों, शासकीय उपक्रमों और नगर निगमों को इस छूट का लाभ मिलेगा। इस निर्णय से राज्य में छत्तीसगढ़ हर्बल के उत्पादों की बिक्री में और अधिक वृद्धि होगी। राज्य में वर्ष 2019-20 में एक करोड़ 25 लाख रुपए, वर्ष 2020-21 में 2 करोड़ 15 लाख, और वर्ष 2021-22 के पहले 9 महीने में 4 करोड़ 34 लाख रुपए के मूल्य के उत्पादों की बिक्री राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हो चुकी है। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के कुल 25 संजीवनी विक्रय केन्द्र जैसे कि बीजापुर, नारायणपुर, लोरमी, कोरबा, जशपुर, कोण्डागांव, डोंगरगढ़, राजिम, कानन पेण्डारी ज़ू, आदि के संचालनकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम में सभी संचालनकर्ताओं को अपनी कार्यशैली की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्न विक्रय तकनीक की जानकारी दी गई, जिससे उन्हें विक्रय केंद्रों में विक्रय बढ़ाने के लिए सहायता प्राप्त हो सके। इसके साथ ही डिजिटल इंडिया को मद्देनजर रखते हुए सभी संजीवनी केंद्रों का भी मार्ग सॉफ्टवेयर द्वारा डिजिटलीकरण करने के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित की ओर से डॉ. रश्मि रात्रे ने छत्तीसगढ़ हर्बल के आयुर्वेदिक उत्पाद की जानकारी सभी संचालनकर्ताओं को प्रदान की। उन्होंने इन उत्पादों द्वारा निवारण किए जाने वाले रोगों एवं लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. रात्रे ने मधुमेह नाशक चूर्ण, हरड़ चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, अविपत्तिकर चूर्ण, आर्गेनिक वन शहद, जामुन जूस, महुआ आर टी एस, पंचसम चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, आदि आयुर्वेदिक व खाद्य उत्पादों का विस्तृत विवरण तथा उपयोगिता के बारे में चर्चा की।
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