मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 16 फरवरी से प्रारंभ हो रहे राजिम माघी पुन्नी मेला और शिवरीनारायण मेला की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। श्री बघेल ने कहा है कि राजिम माघी पुन्नी मेला छत्तीसगढ़ की आस्था का प्रतीक है। यहां छत्तीसगढ़ की लोक कला संस्कृति का दर्शन होता है। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों के पवित्र त्रिवेणी संगम पर सदियों से इस मेले का आयोजन होता है। छत्तीसगढ़ ही नहीं आसपास के राज्यों के लोग भी बड़ी संख्या में श्रद्धापूर्वक इस मेले में शामिल होते हैं। राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की गौरवशाली सांस्कृतिक परम्पराओं को संरक्षित और संवर्धित करने के प्रयासों के तहत राजिम माघी पुन्नी मेले को उसके प्राचीन मूल स्वरूप में आयोजित किया जा रहा है। श्री बघेल ने कहा कि राजिम की तरह माघ पूर्णिमा के अवसर पर शिवरीनारायण में भी महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के पावन संगम पर शुरू होने वाले मेले में भी लोग बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ शामिल होते है। उन्होंने महानदी के तट पर सिरपुर में माघी पूर्णिमा के दिन से शुरू हो रहे सिरपुर महोत्सव की शुभकामनाएं भी प्रदेशवासियों को दी हैं।
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