मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 25 जनवरी को राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा है कि पर्यटन का देश-प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इससे न सिर्फ लोगों को स्थानीय सांस्कृतिक, भौगोलिक, प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थलों को जानने का मौका मिलता है, बल्कि यह हजारों परिवारों के जीवनयापन के लिए आजीविका के नए रास्ते भी खोलता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार अपने प्राचीन धरोहरों को विकसित कर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्ययोजना पर काम कर रही है।
श्री बघेल ने कहा कि पुरातात्विक धरोहरों और प्राकृतिक विविधताओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ का पर्यटन देश में अपनी पहचान स्थापित करता जा रहा हैं। यहां प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अनेक रमणीय स्थलों के साथ-साथ गौरवशाली अतीत और समृद्ध विरासत को संजोए अनेक पुरातात्विक और ऐतिहासिक महत्व के स्थल हैं। सिरपुर में शैव, वैष्णव, बौद्ध और जैन मतों के सहअस्तित्व के पुरातात्विक प्रमाण है। सरगुजा के रामगढ़ में सीताबेंगरा गुफा, प्राचीनतम नाटयशाला, बस्तर में चित्रकोट, तीरथगढ़ के जलप्रपात, कुटुमसर की गुफाएं तक पूरे छत्तीसगढ़ में अनेक स्थल पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व के हैं। महाप्रभु वल्लभाचार्य जी की जन्मस्थली के रूप में चम्पारण का विशेष धार्मिक महत्व है। प्राकृतिक स्थलों के पर्यटन की दृष्टि से विकास के साथ ही वहां मनोरंजन, ठहरने, भोजन आदि की व्यवस्था कर रिसोर्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की पवित्र भूमि में जहां-जहां भगवान श्रीराम वनवास काल में गए उन्हें राम वन गमन पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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