संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है। स्वामी जी ने पूरे विश्व को मानवता और बंधुत्व से साक्षातकार कराया। स्वामी विवेकानंद जी का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता है। उनके जीवन काल के अमूल्य दो वर्ष छत्तीसगढ़ में व्यतीत हुए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वामी विवेकानंद जी द्वारा छत्तीसगढ़ में बिताए गए दो वर्षों की स्मृति को संजोने के लिए डे-भवन को स्मारक भवन बनाने का निर्णय लिया है। डे भवन को स्मारक बनाने की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई। स्मारक भवन पाठकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। मंत्री श्री अमरजीत भगत आज राजधानी रायपुर स्थित घासीदास संग्रहालय में स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
व्याख्यान कार्यकम में अध्यक्षीय उदबोधन में स्वामी विवेकानंद विद्यापीठ रायपुर के सचिव डॉ. ओम प्रकाश वर्मा ने कहा कि स्वामी जी को युगाचार्य के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को विज्ञान के साथ किया, साथ ही आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। स्वामी जी ने धर्म और विज्ञान के समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने अपने विचारों से प्राचीन व आधुनिक भारत के बीच सेतु का काम किया। स्वामी जी ने पीड़ित और दुखियों की सेवा करना ही ईश्वर की सेवा का संदेश दिया। उन्होंने अध्यात्म, भारतीय संस्कृति और हिन्दुत्व की व्याख्या कर भारत को महान बनाने की कल्पना की थी। वह आज रामकृष्ण मिशन, रामकृष्ण मठ के माध्यम से साकार हो रही है। विवेकानंद आश्रम रायपुर के प्रपत्यानंद ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए चिंतन किया। उन्हांेने जो सोचा उसको साकार करने के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, शिष्यों को प्रशिक्षित किया और उनके माध्यम से समाज को दिशा प्रदान की जा रही है।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध इतिहासकर एवं वक्ता डॉ. रमेन्द्र नाथ मिश्र ने स्वामी विवेकानंद के रायपुर आगमन से लेकर छत्तीसगढ़ में उनके बिताए हुए दो वर्ष के समय के अनुभवों को साझा किया। प्रोफेसर श्रीमती संपा चौबे ने कहा कि हर मनुष्य में ईश्वर व्याप्त है। स्वामी जी के जीवन पर माता-पिता की प्राथमिक शिक्षा से व्यक्तित्व का निर्माण हुआ। श्रीमती चौबे ने स्वामी जी के शिकागो के धर्म सभा में दिए भाषण को याद करते हुए बताया कि स्वामी विवेकानंद शिकागो धर्म सभा में भाइयों एवं बहनों से संबोधित कर पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधने का काम किया। उनके जीवन से हमें एकाग्रता, देशप्रेम एवं लक्ष्य प्राप्ति करने तक नहीं रूकने की प्रेरणा मिलती है। कार्यक्रम को संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. और संचालक श्री विवेक आचार्य ने भी संबोधित किया। इस मौके पर मंत्री श्री भगत ने स्वामी विवेकानंद जीवन के आधारित पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार एस. तान्या देवी, द्वितीय पुरस्कार शिवा साहू और तृतीय पुरस्कार समृद्धि गुप्ता को दिया गया।
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