छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना सेतु पाठ्यक्रम 2.0 के अंतर्गत ‘नवा जतन’ कार्यक्रम की समीक्षा हेतु एक दिवसीय वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसे प्रत्येक जिले के सहायक परियोजना समन्वयक, डाइट के व्याख्याता, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल प्राचार्य, संकुल समन्वयक तथा कक्षा 1 से 8 तक के शिक्षक मिलाकर 46 हजार से भी अधिक शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों ने यूट्यूब पर देखा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के अतिरिक्त संचालक डॉ. योगेश शिवहरे ने इस अवसर पर कहा कि 100 दिन का रीडिंग कैंपेन तथा नवा जतन कार्यक्रम अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए और दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने बताया कि 100 दिन के काम विषय वस्तु है, जिसे यदि शिक्षक ‘नवा जतन’ मे दिए गए तरीके के माध्यम से अपनी कक्षा में काम करते हैं तो निश्चित ही हम एफ एल एन अर्थात बुनियादी साक्षरता एवं गणित के कौशल के लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने बेसलाइन एवं मिडलाइन आकलन में अच्छा काम करने के लिए राज्य के सभी शिक्षकों और अधिकारियों की प्रशंसा की। इसके साथ ही प्रशिक्षण में किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर सीधे एस. सी.आर.टी.को अवगत कराने कहा।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडे ने इस कार्यक्रम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही परिस्थितियों में शिक्षकों को तैयार रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नवा जतन केवल बच्चों के लिए न होकर पालक ,बालक और समुदाय के लिए भी है। इस प्रशिक्षण से जुड़े सभी प्रतिभागियों के साथ एक बार और ऑनलाइन उन्मुखीकरण कार्यक्रम शीघ्र ही करने की बात कही। उन्होंने सबको यह भी आश्वस्त किया कि एस.सी.ई.आर.टी. किसी भी परिस्थिति में प्रशिक्षण को प्रभावी ढंग से करवाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। परिस्थितियों के हिसाब से ऑनलाइन तथा ऑफलाइन प्रशिक्षणों का आयोजन किया जाएगा।
वेबीनार में एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर के सहायक प्राध्यापक श्री सुशील कुमार राठौर ने राज्य के बेसलाइन आकलन से प्राप्त आँकड़ों को साझा किया और राज्य की शैक्षिक स्तर की जानकारी दी। एस. सी. ई.आर. टी. रायपुर में पदस्थ ‘नवा जतन’ कार्यक्रम के समन्वयक श्री सुनील मिश्रा ने प्रतिभागियों को ‘नवा जतन’ के बिंदुओं पर अच्छा काम करने वाले शिक्षकों के चिह्नांकन करने तथा उनके अनुभवों को साझा करने के लिए व्हाट्सएप मंच प्रदान करने पर बल दिया।
इस अवसर पर ‘नवा जतन’ कार्यक्रम के कोर ग्रुप के सदस्य श्री द्रोण साहू ने ‘नवा जतन’ कार्यक्रम के बिंदुओं को कक्षा में लागू करने से पहले उसे अच्छी तरह से समझ लेने की बात की। वेबीनार में जांजगीर तथा जशपुर जिले के एक-एक शिक्षक को भी अपने अनुभव साझा करने का अवसर मिला।
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