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बाबा गुरू घासीदास जी ने सामाजिक कुरीतियों को किया मिटाने का काम: मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया

नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी द्वारा मानव कल्याण के लिए किए गए कार्य अनुकरणीय है। उन्होंने मानव जाति के उत्थान के लिए उपदेश दिए हैं, उनके बताये हुए मार्ग में चलकर हम जीवन में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकते हैं। बाबा गुरू घासीदास जी ने तत्कालीन समय में समाज में व्याप्त कुरीतियों, प्रथाओं, छुआछूत, जातिप्रथा आदि सामाजिक बुराईयों को दूर करने का प्रेरणास्पद काम किया। मंत्री डॉ. डहरिया राजधानी रायपुर के न्यू राजेन्द्र नगर में बाबा गुरू घासीदास जी के 265वीं जयंती के उपलक्ष्य पर आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी ने समता रूपी समाज के निर्माण और सबके उत्थान की दिशा में काम किया। उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। डॉ. डहरिया ने कहा कि वर्तमान समय में जीवन की लड़ाई तलवार से नहीं कलम से लड़ी जाएगी, जो शिक्षा से संपन्न होगा। हम सबको बाबा गुरू घासीदास जी के बताए ’मनखे-मनखे एके बरोबर’ के संदेश को जीवन में उतारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सत्य के रास्ते में चलकर मानवता के हित में काम करना चाहिए। मंत्री डॉ. डहरिया ने जैतखाम की पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के उतरोत्तर विकास के लिए सुख, शांति और समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगा। इस दौरान आयोजको ने मंत्री डॉ. डहरिया को प्रतीक स्वरूप जैतखंभ स्मृति चिन्ह भेट किए। मंत्री डॉ. डहरिया ने इस अवसर पर समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को बाबा गुरू घासीदास सहित अन्य महापुरूषों एवं उत्कृष्ट व्यक्तियों के नाम से दी जाने वाली वार्षिक अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया। साथ ही इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के बाराबंकी से श्री कमलेश दास, मठाधीश मुडकुड़ा सतनामी आश्रम से श्री महंत शत्रुघन दास, करनाल हरियाणा से डॉ. राजेश रांझा, बरेली उत्तरप्रदेश से श्री नवरतन साधजी, गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्री के.पी. खांडे, डॉ. जे.आर. सोनी, श्री डी.एस. पात्रे, श्री एल.एल. कोसले, श्री एच.आर. रात्रे, एस.के. सोनवानी सहित सर्वश्री सुंदर जोगी, सुंदर लहरे, अनिल भतपहरी, बबलू त्रिवेन्द्र, पप्पू बघेल, श्रीमती उमा भतपहरी, श्रीमती चम्पादेवी गेंदले, श्रीमती धनेश्वरी डांडे, ए.एल. जोशी, राजेन्द्र भतपहरी, सहित बड़ी संख्या में उपस्थित थे।