महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न के संबंध में इन्द्रावती भवन नवा रायपुर स्थित जनसम्पर्क संचालनालय में आज आंतरिक परिवाद समिति की बैठक आयोजित की गई। समिति की अध्यक्ष श्रीमती हर्षा पौराणिक ने महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के प्रावधानों की जानकारी देते हुए बताया कि लैंगिक उत्पीड़न में अश्लील साहित्य दिखाना, टिप्पणी करना, लैंगिक प्रकृति का अवांछनीय शारीरिक, मौखिक या अमौखिक आचरण भी शामिल है। कार्यालय में काम में नियोजित मजदूर या अन्य प्राइवेट महिला कर्मचारी भी आंतरिक परिवाद समिति में लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत कर सकती है।
श्रीमती पौराणिक ने बताया कि ऐसे सभी कार्यालय जहां न्यूनतम 10 कर्मचारी हो आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाना चाहिए। परिवाद समिति के गठन के लिए आवश्यक नहीं है कि कार्यालय में 10 महिलाएं हो। उन्होंने परिवाद समिति की जानकारी के संबंध में संचालनालय के बाहर बोर्ड लगाने की बात कही जिससे अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी सभी महिलाओं को हो सके। आंतरिक परिवाद समिति की सदस्य और वरिष्ठ महिला पत्रकार सुश्री शगुफ्ता शरींन ने कहा कि लैंगिक उत्पीड़न के प्रावधानों के संबंध में महिलाओ में जागरूकता की जरूरत है। महिलाओं को बिना शर्म और डर के अपनी बात समिति में रखनी चाहिए। समिति शिकायत गोपनीय रहती है। साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाओं को अधिकार सुरक्षा के लिए मिले हैं, उन्हें इसके दुरूपयोग से बचना चाहिए। बैठक में समिति की सदस्य सहायक संचालक श्रीमती तौकीर जाहिद, सहायक जनसम्पर्क अधिकारी सुश्री रीनू ठाकुर, सहायक सूचना अधिकारी श्रीमती वर्षा सिंह, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर श्रीमती प्रतिभा पांडेय सहित संचालनालय के महिला कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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