बस्तर के ग्रामीण अंचल के माड़पाल शासकीय स्कूल के बच्चे अपने स्कूल की प्रयोगशाला में थ्रीडी प्रिंटर का उपयोग कर रहे हैं, ड्रोन का मॉडल तैयार कर रहे हैं, रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला में फिटकरी बनाने जैसे कई प्रयोग कर दक्षता के साथ कर रहे हैं। साथ ही स्मार्ट क्लास में अत्याधुनिक तरीके से ज्ञानार्जन भी कर रहे हैं। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माड़पाल की पहचान आज बस्तर जिले के सर्व सुविधायुक्त उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान के रूप में है। इस स्कूल के विषय मे सुनकर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान आज विकासखंड जगदलपुर के ग्राम माड़पाल के इस स्कूल को देखने पहुंचे। उन्होंने इस दौरान इस स्कूल में 68 लाख रूपए की लागत से कराए गए जीर्णोद्धार कार्य तथा 31 लाख रूपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण किया।
ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर, आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित लैब, ग्रंथालय की सुविधा दूर की कौड़ी लगती है, ऐसे समय में बस्तर के आदिवासी अंचल के बच्चों के लिए अध्ययन-अध्यापन की आधुनिक सुविधाओं से लैस माड़पाल गांव का शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किसी वरदान से कम नहीं है। इस स्कूल के बच्चे विज्ञान के नए-नए प्रयोग स्कूल की प्रयोगशाला में कर रहे हैं। स्कूल के अवलोकन के दौरान उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री कवासी लखमा, लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज, राज्यसभा सांसद श्रीमती फुलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन, विधायक कोंडागांव श्री मोहन मरकाम, बीजापुर विधायक श्री विक्रम मंडावी, विधायक चित्रकोट श्री राजमन बेंजाम, सरपंच श्रीमती वंदना नाग सहित कलेक्टर श्री रजत बंसल तथा वरिष्ट पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र मीणा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस स्कूल के भ्रमण के दौरान वहां किए जा रहे नवाचारों, अध्ययन-अध्यापन की उत्कृष्ट सुविधाओं की जहां प्रशंसा की, वहीं स्कूल की विभिन्न कक्षाओं और प्रयोगशाला तथा लायब्रेरी में जा कर बच्चों से बातचीत कर उनकी पढ़ाई लिखाई के बारे में पूछा। उन्होंने स्कूल में उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के लिए जिला प्रशासन, स्कूल शिक्षा विभाग और स्कूल के प्राचार्य और स्कूल के स्टाफ की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं से बातचीत के दौरान उनसे स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं का अधिक से अधिक उपयोग करने को कहा। मुख्यमंत्री ने स्कूल की कक्षा दसवीं पहुंचकर बच्चों से बातचीत की। उन्होंने बच्चों को संस्कृति की अवधारणा के बारे में समझाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान होती है। हमारी संस्कृति हमारे रीति-रिवाज, बोलचाल, भाषा, रहन-सहन, कला, परंपरा, विश्वास, आस्था, जीवन मूल्य, स्थापत्य कला की सम्मिलित अवधारणा है। हम अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और बस्तर की अपनी सांस्कृतिक पहचान है। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कक्षा दसवीं की छात्रा गायत्री सिंह ने मुख्यमंत्री के कहने पर ’’छत्तीसगढ़ परिवेश-कला, संस्कृति एवं व्यक्तित्व’’ शीर्षक का पाठ अपनी पुस्तक में से पढ़ कर सुनाया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब, भौतिक, विज्ञान और रसायन विज्ञान की प्रयोगशाला, लाइब्रेरी और स्कूल की स्मार्ट क्लास में जाकर वहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली और बच्चों से उनके बारे में पूछा। बच्चों ने पूरा आत्मविश्वास के साथ मुख्यमंत्री के प्रश्नों का जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने बच्चों को इसके लिए शाबासी दी। इस अवसर पर स्कूल के परिसर में गणित-विज्ञान विषय पर आधारित प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। मुख्यमंत्री ने इस प्रदर्शनी में जाकर बच्चों द्वारा तैयार किए गए मॉडल देखें और बच्चों से उनके बारे में विस्तार से जानकारी ली। बच्चों ने गणित के भाग, गुणा की अवधारणा, दूरियों के मापन, नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी, ड्रिप इरिगेशन, वॉटर रिसाइकलिंग, पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर उपयोगी मॉडल बनाए थे। कोरोना वायरस से बचाव के लिए ऑटो सेनेटाइजर, फॉग सेनेटाइजर के मॉडल भी तैयार किए थे। मुख्यमंत्री ने बच्चों की कल्पनाशीलता और रचनात्मकता की सराहना की। कई बच्चों ने कबाड़ से जुगाड़ पर आधारित मॉडल भी तैयार किए थे।
राज्य शासन की मंशानुरूप कलेक्टर श्री रजत बंसल के दिशा-निर्देश एवं सतत मार्गदर्शन में तथा शिक्षा विभाग के विशेष प्रयासों से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय माड़पाल आज बस्तर जिले का सर्व सुविधायुक्त उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान बन गया है। स्वच्छ, सुन्दर एवं सुविधाजनक विद्यालय भवन का निर्माण तथा योग्य एवं प्रतिबद्ध शिक्षकों के साथ-साथ आधुनिक लैब एवं पुस्तकालय जैसे जरूरी संसाधनों तथा अनुकूल शैक्षणिक परिवेश की उपलब्धता के कारण आज यह विद्यालय गुणवत्ता एवं संसाधनों की उपलब्धता के मामले में नामचीन निजी विद्यालयों को टक्कर दे रहा है। इस विद्यालय में संसाधन एवं अध्ययन-अध्यापन की समुचित व्यवस्था के कारण ग्रामीण परिवेश के गरीब बच्चों को माड़पाल जैसे दूरस्थ ग्राम के विद्यालय में अनुकूल शैक्षणिक परिवेश में गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिल रहा है।
वर्तमान में माड़पाल के इस उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में पूर्व माध्यमिक शाला एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल संचालित है। जिसमें पूर्व माध्यमिक शाला में 123 एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल में 439 सहित कक्षा 6वीं से लेकर 12वीं तक कक्षाओं में कुल 562 बच्चे अध्ययनरत हैं। इस पूरे विद्यालय परिसर को बहुत ही सुन्दर एवं आकर्षक स्वरूप में सुसज्जित किया गया है। इस विद्यालय में कुल 16 कक्ष हैं, जिसमें जरूरी सुविधाओं से युक्त अध्ययन कक्ष के अलावा प्राचार्य, कार्यालय एवं स्टॉफ तथा भण्डार कक्ष भी बनाएं गए हैं। विद्यालय में वर्तमान समय एवं ज्ञान विज्ञान के अनुरूप आधुनिक जीव विज्ञान, भौतिक एवं रसायन प्रयोगशाला तथा अटल टिंकरिंग लैब भी स्थापना की गई है। इसके अलावा विद्यालय में सर्व सुविधायुक्त 1-1 स्मार्ट क्लास, ग्रंथालय एवं क्रीडा कक्ष का भी निर्माण किया गया है। विद्यालय में समुचित विद्युत व्यवस्था के अलावा कम्प्यूटर, प्रिंटर, एलसीडी प्रोजेक्टर सेट, ओएचपी तथा पेयजल, बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय आदि सुविधा की समुचित व्यवस्था के अलावा फर्नीचर आदि भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
इसके साथ ही विद्यालय परिसर में सांस्कृतिक मंच, हरे-भरे पेड़-पौधों से युक्त उद्यान, पोषण वाटिका तथा विद्यार्थियों के लिए सायकल स्टैण्ड का निर्माण किया गया है। इस तरह से इस विद्यालय को अध्ययन-अध्यापन की सभी सुविधाओं से युक्त किया गया है। माड़पाल विद्यालय के उत्कृष्ट व्यवस्था ने यह साबित कर दिया है कि हमारे गांवों में स्थित शासकीय विद्यालयों में भी समुचित संसाधन, योग्य शिक्षक तथा जरूरी सुविधा उपलब्ध कराकर इन स्कूलों को लेकर आदर्श विद्यालय बनाया जा सकता हैै। वास्तव में माड़पाल स्कूल में किए गए नवाचार ग्रामीण बच्चों को उनके गांव एवं आस-पास के स्कूलों में अनुकूल शैक्षणिक परिवेश एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने का राज्य शासन एवं जिला प्रशासन का बहुत ही सराहनीय प्रयास है। स्कूल के स्मार्ट क्लास के निरीक्षण के दौरान छात्रा सावित्री मांझी ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को स्कूल में सभी प्रकार की आधुनिक शिक्षा सुविधा देने के लिए आभार व्यक्त किया।
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