विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिले में साप्ताहिक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। 6 सितम्बर से 11 सितम्बर तक चलने वाले इस अभियान के लिये सोमवार को प्रचार-प्रसार हेतु जिला अस्पताल से रथ रवाना किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.आर.पुजारी ,सिविल सर्जन सह जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. एमके सूर्यवंशी,जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ प्रिया कंवर द्वारा रथ को हरी झंडी दिखाकर किया गया। जागरूकता रथ का मुख्य उद्देश्य आत्महत्या का प्रयास करने वाले लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।
सीएमएचओ डॉ बी.आर.पुजारी ने बताया, “आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूकता के लिये यह रथ रवाना किया गया है जिससे मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से ग्रस्त मरीजों को जागरूक किया जाएगा। उन्होने कहा हर वर्ष 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की थीम “क्रियेटिंग होप थ्रू एक्शन” (कर्म से उम्मीद जगाना) है। इसी क्रम में जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 6 से 11 सितम्बर तक विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।“
विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान जागरूकता हेतु जिले में विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । 6 सितम्बर को आश्रम अधीक्षकों को आत्महत्या रोकथाम एवं गेटकीपर की ट्रेनिंग दी जायेगी। 7 सितम्बर को 16 वाहिनी बटालियन के लिए आत्महत्या रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम। 8 सितम्बर को हेल्थ वैलनेस सेंटर गढ़बंगाल में ग्राम वासियों के लिए आत्महत्या रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम एवं निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। 10 सितम्बर को जिला अस्पताल नारायणपुर में निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर तथा जिंदगी चुनो विजेता बनो के कांसेप्ट पर हस्ताक्षर अभियान कार्यक्रम किया जाएगा। 11 सितम्बर को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बिजली में ग्राम वासियों के लिए आत्महत्या रोकथाम जागरूकता कार्यक्रम एवं निशुल्क मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन होगा।
आत्महत्या का प्रयास करने वालों की होगी पहचान
विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के दौरान विशेष रूप से ऐसे मानसिक रोगियों की पहचान की जायेगी जो आत्महत्या का प्रयास कर चुके हैं। पहचान करने के उपरांत ऐसे लोगों को मानसिक रोग विशेषज्ञों द्वारा परामर्श दिया जाएगा साथ ही उनका उपचार भी शुरू किया जाएगा। मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से ग्रस्त लोगों की भी पहचान कर उनका उपचार भी सुनिश्चित करवाया जाएगा।
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