शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरला में विशेष अभियान चलाकर 20 गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का टीका लगाया गया इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं में कोविड-19 के जोखिम को कम करना है ।
इस मौके पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ.मनोज कुमार बर्मन ने बताया, “रायपुर जिले में पहली बार एक साथ 20 गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 का टीका लगाया गया है । इसके लिए नियमित रूप से क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाया गया है । लोगों के मन में मौजूद जिज्ञासा को शांत किया गया साथ ही उन्हें जानकारी दी गई है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन से गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 होने का जोखिम कम होता है । साथ ही वैक्सीनेशन से बच्चे पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है । शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरला से इस अभियान की शुरुआत की गई है अब आने वाले समय में गर्भवती महिलाओं को नियमित रूप से कोविड-19 का टीका लगाया जाएगा”।
कोविड-19 का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है नियमित रूप से जिले में कोविड टीकाकरण का कार्य जारी है । कोविड टीकाकरण होने से कोविड-19 पॉजिटिव होने का जोखिम कम होता है। इसलिए 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को टीकाकरण कराना चाहिए ताकि कोविड-19 के प्रसार को रोका जा सके ।
इसअवसर पर आयुक्त नगर निगम बिरगांव श्रीकांत वर्मा भी उपस्थित रहे साथ ही जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय से जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ आशीष वर्मा जिला मीडिया प्रभारी गजेंद्र डोंगरे, शहरी कार्यक्रम प्रबंधक ज्योत्सना ग्वाल, सुपरवाइजर राजेन्द्र वैष्णव, सुपरवाइजर अखिलेश पांडे, उरला शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के समस्त स्टाफ और क्षेत्र की मितानिन आदि लोग मौजूद रहे।
गर्भवती महिला के कोविड-19 टीकाकरण हेतु दिशा निर्देश
कब देना है :- (पात्रता)
- गर्भावस्था की किसी भी अवधि में सभी गर्भवती महिलाओं (प्रथम तिमाही, द्वितीय तिमाही, तृतीय तिमाही हो) सभी अवस्था में कोविड टीकाकरण करवा सकती हैं ।
- गर्भवती को लगने वाले टीडी वैक्सीन (TD Vaccine) के साथ या टीडी वैक्सीन (TD Vaccine) लगने के 15 दिन बाद भी लगवा सकते हैं ।
1.इनको लगाना है :-
गर्भवती महिलाओं को जिनकी उम्र 18 से ऊपर हो
अत्याधिक जटिलता वाली गर्भवती महिलाएं अपने चिकित्सक से परामर्श लेकर अपना कोविड-19 का टीकाकरण करवा सकती हैं
2.कोविड-19 गर्भवती महिला पर क्या असर कर सकता है :-
90% से ज्यादा संक्रमित गर्भवती महिलाओं को घर पर रख कर के ठीक किया जा सकता है, किंतु कुछ की स्थिति बहुत जल्दी गंभीर हो सकती है । अतः उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है नहीं तो विपरीत परिणाम का जोखिम हो सकता है।
उदाहरण:-
- सिजेरियन की जरूरत पड़ सकती है ।
- समय से पूर्व डिलीवरी हो सकती है
उपरोक्त समस्त समस्या को टीका लगवा कर जोखिम से बचा जा सकता है।
गर्भवतियों का टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 व्यवहारों का पालन करना है। कोविड टीकाकरण के बाद आम लोगों की तरह गर्भवतियों को भी टीका लगाने के पश्चात :-
- बुखार
- इंजेक्शन वाले स्थान में दर्द, सूजन
- बदन दर्द
आदि लक्षण दिख सकते हैं यह सामान्य बात है यह दो-तीन दिन में ठीक हो जाते हैं ।
किसे नहीं लगाना है
- पूर्व में प्रथम टीका लगाने के बाद जिसे कोई गंभीर दुष्प्रभाव हुआ हो ।
- किसी भी अन्य तरीके से रिएक्शन हुआ हो ।
- ऐसी गर्भवती महिला जो वर्तमान में कोविड-19 से ग्रसित हो और उपचारित हो।
कोविड-19 संक्रमण की परिस्थिति Condition
गर्भवती होने के पहले महिला कोविड-पाज़िटिव होती है तो ठीक होने के 03 माह / 84 दिन बाद कोविड टीकाकरण कराएं।
गर्भावस्था के दौरान अगर महिला कोविड-पाज़िटिव हो गई है या तो उसे पहला टीका लगा है या कोई टीका नहीं लगा है ऐसी स्थिति में डिलीवरी (जचकी) तक टीका न लगाये एवं प्रसव के बाद ही उसे टीका लगाएं ।
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