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जिले में शिशु संरक्षण माह का हुआ शुभारंभ

सुकमा कोरोना संकटकाल में लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। ऐसे में विशेषकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी ध्यान रखा जा रहा है। जिला अस्पताल सुकमा में 24 अगस्त को शिशु संरक्षण माह कार्यक्रम का शुभारंभ सीएमएचओ डॉ सी.बी.पी.बंसोड़ के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित लाभार्थी तथा उनके परिजनों को बच्चों को विटामिन से भरपूर पोषण आहार प्रदाय करने हेतु निर्देश दिये गए। शुभारंभ समारोह में सिविल सर्जन, जिला टीकाकरण अधिकारी , तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकरी तथा कर्मचारीगण उपिस्थित थे।

इस मौके पर सीएमएचओ डॉ सी.बी.पी.बंसोड़ ने समस्त जिलेवासियों से अपील की है कि, “शिशु संरक्षण माह कार्यक्रम के दौरान प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं एवं टीकाकरण से कोई भी बच्चा वंचित न होने पाये और गर्भवती माताओं एंव 9 माह से 5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को शिशु संरक्षण माह के दौरान प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने में आवश्यक सहयोग प्रदान करें। जिससे हम सभी एक स्वस्थ्य जिला, स्वस्थ्य राज्य एवं स्वस्थ्य राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सके”।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ दीपेश चन्द्राकर ने बताया, “बच्चों को पौष्टिक आहार के साथ ही विटामिन ए की खुराक देना काफी जरूरी है। यह खुराक 9 माह से 5 साल तक के बच्चों को 6 माह में एक बार दी जाती है। विटामिन ए की खुराक से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही कुपोषण में भी कमी भी आती है।  विटामिन ए और आयरन सिरप की खुराक के लिये 11 सत्रों में कार्यक्रम चलाया जा रहा है इस दौरान बच्चों का वजन भी लिया जाएगा, जिससे कुपोषित, अति कुपोषित या गंभीर कुपोषित बच्चे को समय पूर्व चिन्हाँकित कर उसे पोषण पुनर्वास केंद्र के माध्यम से मिलने वाली सुविधा का लाभ दिया जा सके”। 

शिशु संरक्षण माह के दौरान जिले में विटामिन ए के 24,743 तथा आयरन फोलिक एसिड के 27,382 हितग्राही हैं। जिनमे 11,966 बालक व 12,777 बालिकाओं को विटामिन ए और 13,274 बालक व 14,108 बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड पिलाया जाएगा। विटामिन ए की खुराक  09 माह से 05 वर्ष के बच्चों को 06 माह के अन्तराल में कुल 9 डोज दिया जाता है । प्रथम डोज मीजल्स वैक्सीन के साथ 09 माह से 11 माह के बीच दिया जाता है। दूसरा डोज 16 माह 24 माह के बीच जो कि पोलियो, डीपीटी, हेपेटाइटिस बी मिजल्स के द्वितीय डोज के साथ दिया जाता है। 03 से 09 वाँ डोज हर 06 माह में शिशु संरक्षण के से दिया जाता है। यह दवाई सिर्फ शासकीय संस्थाओं में उपलब्ध है।