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कार्यस्थल पर बड़ते तनाव को कम करने के लिये आयोजित हुई कार्यशाला

नारायणपुर 20 अगस्त। काम-काज वाले जीवनशैली में तनाव से बचे रहना आसान नही है , प्रायः लोग अपने जीवन का अधिकांश समय कार्यस्थल पर बिताते हैं, इस दौरान काम के बढ़ते दबाव, और व्यक्तिगत परेशानीयों से तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगती है लेकिन जीवन कितना ही तनावपूर्ण क्यों ना हो, दबाव को दूर करने और अपने जीवन पर नियंत्रण पाने के तरीके हमेशा होते हैं। इसी उद्देश्य के तहत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए  “कार्यस्थल पर तनाव प्रबंधन”  विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.आर. पुजारी के निर्देशानुसार नोडल अधिकारी डॉ प्रशांत गिरी के मार्गदर्शन में और जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ प्रिया कंवर के सहयोग से आयोजित की गयी । जिसमें कर्मचारियों को कार्यस्थल पर अपना कार्य सुचारू रूप से करने और कार्यक्षेत्र में उत्पन्न होने वाले तनाव को टालने के उपाय बताए गए।

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने तनाव प्रबन्धन पर जानकारी देते हुए बताया, ” प्रत्येक व्यक्ति का तनाव एक समान नही होता, कम मात्रा में तनाव होना अच्छा है यह आपको प्रेरित करता है जिससे आप अपने कार्य को बेहतर तरीके से कर पाते हैं।  लेकिन बहुत अधिक तनाव हानिकारक होता है, यह स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिये अपना कार्य प्राथमिकता के अनुसार करें। साथ ही कार्य को तय समय-सीमा पर करने का प्रयास करें इससे न केवल तनाव कम होगा, बल्कि कार्यस्थल पर आपके कार्य करने की उत्पादकता, रचनात्मकता बढ़ जाएगी।कार्यस्थल पर बढ़ते तनाव के कारण कार्यक्षमता में कमी आती है। काम और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन नहीं हो पाता। इस प्रकार परिवार के लिए समय न निकाल पाने के कारण भी व्यक्ति मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तनाव का शिकार हो जाता है”। 

     उन्होंने बताया, नियमित व्यायाम, टाइम मैनेजमेंट टेक्निक, असर्टिंवनेस टेक्निक, प्रॉब्लम सॉल्विंग टेक्निक , मेडिटेशन ,रिलैक्सेशन, ब्रीदिंग एक्सरसाइज ,वेंटीलेशन टेक्निक इत्यादि से हम अपने बड़ते तनाव को नियंत्रित कर सकते हैं। 

साइकेट्रिक सोशल वर्कर नेहा गिरी ने बताया, ” कार्यस्थल के दबाव की वजह से लोग अकसर मानसिक रूप से थकान महसूस करते हैं। तनाव के कारण शरीर मे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जैसे याददाश्त में कमी, फैसले लेने में कठिनाई,काम में रुचि का कम होना, चिड़चिड़ापन, उदास मनोवस्था, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आदि। उन्होंने बताया मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार दिया जाता है। इसके अतिरिक्त मेंटल हेल्थ काउंसलिंग हेल्पलाइन नम्बर 7974240256 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है”।