अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर (एम्स) की ओपीडी में अब दोगुना रोगियों को देखने की अनुमति दे दी है। कोविड की दूसरी लहर के बाद ओपीडी के क्रियाशील होने पर रोगियों की संख्या को सीमित किया गया था जिसे अब और अधिक बढ़ा दिया गया है। फिलहाल ओपीडी खुलने के बाद 12 दिन के अंदर रोगियों की संख्या 50 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
निदेशक प्रो. डॉ. नितिन एम. नागरकर ने बताया कि संस्थान प्रत्येक सप्ताह रोगियों की आवश्यकता और कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सेवाओं का विस्तार कर रहा है। इसी कड़ी में ओपीडी खुलने के एक सप्ताह के बाद पुनः समीक्षा की गई और रोगियों की संख्या को देखते हुए अब ओपीडी में दोगुना रोगियों को देखने की अनुमति दे दी गई है।
ब्राड स्पेशियल्टी में अब 50 की बजाय 100 रोगियों और सुपर स्पेशियल्टी में 20 की बजाय 40 रोगियों को देखने की अनुमति दी है। इसके साथ ही टेलीमेडिसिन की सुविधा भी जारी रहेगी जिसमें फालोअप के रोगी सलाह ले सकते हैं। इससे उन्हें एम्स आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
सात जून से खुल चुकी है ओपीडी
एम्स में सात जून को ओपीडी खुलने के बाद से रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। सात जून को यह 796 थी जो 16 जून को 1213 तक पहुंच गई थी। अब औसतन एक हजार रोगी प्रतिदिन एम्स में उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या जनरल मेडिसिन और ईएनटी रोगियों की है।
इनके अतिरिक्त स्त्री रोग, नेत्र रोग, अस्थि रोग और बाल रोग विभाग में भी काफी रोगी प्रतिदिन आ रहे हैं। फिलहाल आनलाइन माध्यम से ओपीडी में रोगियों को देखा जा रहा है। जरूरतमंद और गंभीर रोगियों को आफलाइन देखने की सुविधा भी प्रदान की है।
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