शहर में निजी संस्थानों तथा अस्पतालों, बड़ी प्राईवेट लिमिटेड कंपनियों, माल्स, सीए कंपनियों के ऑफिस और अनेक क्षेत्रों में स्थित कार्यालयों में इन दिनों थम्ब इंप्रेशन मशीन लगाई गई है। इसमें अंगूठा दबाने पर कर्मियों की उपस्थिति प्रदर्शित होती है। इन मशीनों की कार्यप्रणाली और अंतरण सिस्टम मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली आदि की ब्रांड मॉडलों के जरिए संस्थापित किया जाता है। चिकित्सा क्षेत्र और बाजार क्षेत्र में स्थित बड़े कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों की सूचना के अनुसार उक्त मशीन के संचालन की जिम्मेदारी परसनल और प्रशासनिक विभाग द्वारा संचालित की जाती है
कर्मियों के मात्र 5 मिनट विलंब से पहुंचने पर मशीने उस कार्य दिवस को संबंधित कर्मी की उपस्थिति को अनुपस्थित दर्शाती है। कर्मियों द्वारा अनुपस्थित दिवस पर घर वापस जाने की अनुमति संबंधित प्रशासनिक विभाग के मुख्य अधिकारी द्वारा कर्मी को नहीं दी जाती। साथ ही उस दिवस का वेतन भी प्रबंधन द्वारा काट लिया जाता है। कर्मियों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह विभिन्न निजी संस्थानों में प्रतिमाह हजारों लाखों का अनुपस्थित दिवसों का भुगतान न देकर संबंधित कर्मियों से अनुपस्थित दिवसों पर जबरिया कार्य कराया जाता है। मना करने की स्थिति में अनेक कर्मियों को लॉकडाउन के बावजूद भी संस्थानों से बर्खास्त किया गया है। निजी कर्मचारी एसोसिएशन छत्तीसगढ़ की अध्यक्ष परविंदर कौर अरोरा ने मुख्यमंत्री से और प्रदेश के कार्मिक प्रशासन विभाग के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी से निजी संस्थानों के नियोक्ताओं को विधिसम्मत कार्रवाई किए जाने के संबंध सख्त निर्देश देने की मांग की है।
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