दरअसल, सीएम भूपेश बघेल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर राज्य की नर्स बहनों से बात कर रहे थे, तभी पलारी में कार्यरत नर्स वर्षा गोंड़ाने से उनकी बात हुई. सीएम भूपेश वर्षा गोंड़ाने से कोरोना को लेकर हालात को जानने की कोशिश की, तभी नर्स वर्षा गोंड़ाने ने कहा कि सर, कोरोना की वजह से मेरी सास और ननद की मौत हो गई. मैं और मेरे बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव हैं. बावजूद इसके कोरोना से ठीक होते ही मैं फिर से ड्यूटी पर आ गई.
भूपेश बघेल पलारी में कार्यरत नर्स वर्षा गोंड़ाने की दुख भरी दास्तां सुनते ही भावुक हो गए. इस दौरान सीएम भूपेश रा का कई मर्तबा गला रूंधा, तो कई दफा उनकी आंखें नम हुई. वर्षा गोंड़ाने ने कहा कि सर मैं अपने परिवार के दो सदस्यों को कोरोना में खो चुकी हूं, लेकिन मैं लोगों को बचाने के लिए फिर से ड्यूटी ज्वॉइन कर ली हूं.
भूपेश रूंधे स्वर में नर्स से कुछ तो कह रहे थे, लेकिन गले से कुछ देर के लिए आवाज नहीं निकली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपनी आंसू पोछते हुए कहा कि अपने परिजनों को खोने के बाद भी आपने हिम्मत और हौसले के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है. उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है. .
कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला एवं अन्य अधिकारी बैठक में वर्चुअल रूप से शामिल हुए. कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी उपस्थित थे.
More Stories
छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन चुनाव की रूपरेखा तय, अगले महीने चुने जाएंगे जिला स्तर पर पदाधिकारी
धान खरीदी पर विपक्ष के हमले पर सीएम साय का आक्रामक रुख, बोले- भ्रम फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
बिलासपुर कड़ाके की सर्दी, अब बदलेगी हवा की दिशा