भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन मरीजों की पूरी सावधानी के साथ सतत मॉनिटरिंग की जाए। यदि ऐसी मरीजों के स्वास्थ्य में गिरावट होती है तो उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे समय-समय पर निजी अस्पतालों की जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कोरोना मरीजों के इलाज में निजी अस्पताल निर्धारित दर से ज्यादा राशि की वसूली न करें। मरीजों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान योजना का लाभ भी दिलाएं। मुख्यमंत्री आज यहां अपने रायपुर निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल बैठक में रायपुर, दुर्ग और सरगुजा संभाग के 9 जिलों के 18 विकासखण्डों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, बचाव एवं रोकथाम के उपायों, कोविड टीकाकरण की प्रगति, मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं, क्वारेंटाइन सेंटरों, आइसोलेशन की व्यवस्था, कोविड जांच की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विकासखण्ड स्तर पर पदस्थ अधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रायपुर और दुर्ग संभाग में स्थिति नियंत्रण में आई है, लेकिन अभी भी काफी कुछ करने की जरूरत है। बाहर से आने वाले लोगों, शादी ब्याह और लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का संक्रमण बढ़ा है। ऐसे में यह जरूरी है अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि लोगों से कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का कड़ाई से पालन कराया जाए।
बैठक में 9 जिलों रायपुर संभाग के रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी जिले, सरगुजा संभाग के कोरिया जिले और दुर्ग संभाग के दुर्ग, बालोद और बेमेतरा जिले के 18 विकासखण्डों में पदस्थ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी), थाना प्रभारी (टीआई), मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, राजस्व मंत्री श्री जय सिंह अग्रवाल भी बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुए। मुख्यमंत्री निवास में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटीलेटर बेड की संख्या में पर्याप्त वृद्धि की गई है। डॉक्टरों के साथ-साथ स्टाफ की व्यवस्था भी की गई हैै। समीक्षा बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकारियों ने बताया कि इन क्षेत्रों के अस्पतालों में सामान्य बेड के साथ-साथ ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड खाली हैं। दवाईयों का भी पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। मितानिनों के माध्यम से कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को दवाई किट का वितरण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं या नहीं हमें उनसे लगातार संपर्क बनाए रखे हुए उनके ऑक्सीजन सैचुरेशन की भी मॉनिटरिंग करनी होगी, ताकि उन्हें समय रहते हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा सके।
चर्चा के दौरान यह जानकारी सामने आई कि ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा संक्रमित लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दवाईयां ना देकर अपने स्तर पर इलाज किया जा रहा है, जिससे सीरियस मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप डॉक्टरों के मरीजों और उनके मरीजों के इलाज की जानकारी क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारी के पास उपलब्ध हो, ताकि मरीजों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत सही इलाज सुनिश्चित किया जा सके।
More Stories
छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन चुनाव की रूपरेखा तय, अगले महीने चुने जाएंगे जिला स्तर पर पदाधिकारी
धान खरीदी पर विपक्ष के हमले पर सीएम साय का आक्रामक रुख, बोले- भ्रम फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई
बिलासपुर कड़ाके की सर्दी, अब बदलेगी हवा की दिशा