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चार महीने बाद 22 से विवाह मुहूर्तों की झड़ी, बजेगी शहनाई

पिछले साल 2020 में मार्च महीने में कोरोना बीमारी के चलते लाकडाउन लगने के साथ ही विवाह संस्कारों पर अड़ंगा लग गया था। सैकड़ों की संख्या में शादियां स्थगित कर दी गई थीं। शादी की शुरुआत नवंबर माह में तुलसी एकादशी से शुरू हुई और नवंबर में मात्र चार मुहूर्तों में फेरे लिए गए।

गुरु और शुक्र तारा अस्त हो जाने से पुन: विवाह मुहूर्तों पर रोक लग गई। अब चार महीने बाद फिर विवाह मुहूर्त की झड़ी लगने जा रही है। 22 अप्रैल से लेकर दो जुलाई तक अनेक शुभ मुहूर्त में शादियां होंगी।

इस साल भी कोरोना की दूसरी लहर के चलते शादी-समारोहों के लिए प्रशासन ने नियम जारी कर दिए हैं। मात्र 50 रिश्तेदारों के शामिल होने के नियमों से शादी का जश्न फीका रहेगा। न तो भव्य पार्टिंयां हो सकेंगी और न ही सड़कों पर धूमधाम से बारात निकाली जा सकेगी। सादगी से ही विवाह की रस्में निभाई जाएंगी।

प्रशासन द्वारा विवाह समारोह में 50 से अधिक रिश्तेदारों के शामिल नहीं होने के आदेश से टेंट व्यवसायी, कैटरिंग और बैंड बाजा वालों की आमदनी प्रभावित होगी। बंजारी चौक के बैंड बाजा पार्टी के मोहम्मद इस्माइल के अनुसार तीन महीने के शादी समारोह से ही हमारी आमदनी होती है।

पिछले साल भी धंधा नहीं हुआ और इस साल भी यदि शादियों की धूम पर रोक रही तो हमारा धंधा पूरी तरह से चौपट हो जाएगा। कई कलाकार दूसरा काम करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। टेंट व्यवसायी रानू लूनिया के अनुसार राजधानी के टेंट व्यवसाय से सैकड़ों परिवार की रोजी-रोटी चलती है। वर्तमान हालात को देखते हुए इस बार भी टेंट व्यवसाय में मंदी रहने के आसार हैं।