छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में अगले तीन महीने फोर्स के लिए बेहद अहम होंगे, क्योंकि नक्सली इन दिनों टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन (टीसीओसी) चला रहे हैं। नक्सली हर साल मार्च से लेकर जून-जुलाई तक बड़े हमले करते हैं। दरअसल इस दौरान जंगल में पतझड़ का मौसम होता है, जिससे दूर तक देखना आसान होता है। साथ ही नदी-नाले सूखने से एक जगह से दूसरी जगह जाना भी आसान होता है।
पुलिस भी जानती है कि नक्सली इस दौरान बड़ी वारदात करने की कोशिश जरूर करेंगे। यही वजह है कि लगातार आपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि आपरेशन के दौरान ही नारायणपुर में बड़ी चूक हो गई। नारायणपुर आइईडी ब्लास्ट में पांच जवानों की शहादत के बाद पुलिस अधिकारियों ने नई रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है। डीजीपी डीएम अवस्थी लगातार बस्तर के अधिकारियों के संपर्क में हैं। जवानों का मनोबल बढ़ाने और नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने की योजना बनाई जा रही है।
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