हाई कोर्ट ने आरक्षक संवर्ग पर होने वाली भर्ती पर लगाई रोक

भेदभाव के आरोप पर हाई कोर्ट ने लगाया प्रतिबंध

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के सिंगल बेंच ने आरक्षक संवर्ग 2023-24 के अलग अलग पदों पर होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत राज्य के अलग अलग जिलों में आरक्षकों के अलग अलग पदों पर भर्तियां होने वाली थीं। याचिकाकर्ता बेदराम टंडन की याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है।

याचिकाकर्ता बेदराम टंडन की याचिका में आरक्षक संवर्ग 2023-24 भर्ती प्रक्रिया का पूरा मामला है। जिसके तहत राज्य के सभी जिलों में अलग-अलग पदों पर भर्ती होनी थी। इसमें याचिकाकर्ता के पुत्र ने राजनांदगांव में होने वाले कांस्टेबल जीडी (जनरल ड्यूटी) के लिए आवेदन दिया था। राजनांदगांव जिले में इस केटेगरी के तहत 143 पद जारी गए थे। लेकिन विज्ञापन जारी होने और फार्म भरने के बाद राजनांदगांव जिले में इस कैटेगरी के तहत 143 पद जारी किये गए थे। विज्ञापन जारी होने और फार्म भरने के बाद डीजीपी ने अवर सचिव गृह विभाग को नियुक्ति प्रक्रिया में पुलिस विभाग में कार्यरत एक्स सर्विसमैन कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने संबंधी पत्र लिखा था। डीजीपी द्वारा लिखे गए पत्र में सुझाव दिया गया था कि, भर्ती नियम 2007 कंडिका 9 (5) के तहत भर्ती प्रक्रिया के मापदंडों को शिथिल किया जा सकता है। जिसमें फिजिकल टेस्ट के दौरान सीने की चौड़ाई और ऊंचाई जैसे कुल 9 पाइंट्स में शामिल थे। अवर सचिव ने इस सुझाव को स्वीकार भी कर लिया। इसे याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने सिंगल बेंच के समक्ष पैरवी करत हुए कहा कि केवल अपने विभाग के कर्मचारियों को छूट देना साफतौर पर आम नागरिकों के साथ भेदभाव है। लिहाजा, भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने आरक्षक संवर्ग 2023-24 के अलग-अलग पदों पर होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि नियमों को शिथिल करने का लाभ सभी पदों पर मिलता इसलिए सभी पदों पर होने वाली भर्ती पर रोक लगा दी गई है।

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