HighLights
- तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 का नहीं हो रहा पालन।
- सार्वजनिक स्थलों पर हो धूम्रपान स्कूल के पास बिक रहा उतपाद।
- प्रशासनिक तौर संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई होनी चाहिए ।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। बिलासपुर के सरकंडा के रामदुलारे स्कूल के ठीक सामने कई दुकानें संचालित हो रही हैं, जहां तंबाकू से जुड़े उत्पाद बेचे जा रहे हैं। बीते दिनों इसी स्कूल के पास मारपीट की घटना भी सामने आई थी। वहीं प्रताप चौक क्षेत्र में तिलकनगर स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल और देवकीनंदन स्कूल के पास भी 50 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की दुकानों का संचालन जारी है।
सरकंडा नूतन चौक स्थित स्वामी आत्मानंद स्कूल के सामने भी ऐसी ही स्थिति है। कोटपा अधिनियम के तहत शैक्षणिक संस्थानों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित है, लेकिन न खाद्य विभाग और न ही नगर निगम ने इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया है।
तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) की उड़ रही धज्जियां
- प्रशासन की निष्क्रियता से न केवल कानून की धज्जियां उड़ रही हैं, बल्कि बच्चों का भविष्य भी खतरे में पड़ रहा है।
- तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है।
- इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और 5 साल की कैद तक का प्रावधान है। लेकिन, पुलिस संगीन अपराध पर ज्यादा ध्यान देती है।
- COTPA की धारा 4 के अनुसार, शैक्षणिक संस्थानों के आस—पास प्रवेश द्वारों पर ‘धूम्रपान निषेध क्षेत्र होता है। धूम्रपान नियमों की अनदेखी हो रही है।
बिलासपुर में कोटपा कानून का हो रहा उल्लंघन
कोटपा अधिनियम के अनुसार, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित है। बावजूद इसके सरकंडा और प्रताप चौक क्षेत्रों में कई दुकानें बिना किसी डर के संचालित हो रही हैं।
बढ़ती लापरवाही, बच्चों पर नकारात्मक असर
- स्कूलों के पास जर्दे की दुकानों के कारण बच्चों में नशे की लत बढ़ रही है। प्रशासनिक अनदेखी और कार्रवाई की कमी से दुकानदार बेखौफ हो गए हैं। यह स्थिति बच्चों और समाज के लिए गंभीर खतरा है।
- संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता
- खाद्य विभाग, नगर निगम और पुलिस को इस मामले में संयुक्त रूप से कार्रवाई करनी चाहिए। स्कूलों के आसपास तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाना और कड़ी निगरानी करना समय की मांग है।
ये हैं जिम्मेदार: पुलिस, स्वास्थ्य व नगर निगम
कोटपा एक्ट के तहत बनाए गए कानून के अनुसार स्कूल कालेज के सामने तंबाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानें संचालित नहीं की जा सकतीं। इसके लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। कार्रवाई के भी निर्देश हैं। इसमें पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम को कार्रवाई करते हुए इन्हें जुर्माने के साथ तत्काल बंद कराना है। लेकिन, वर्तमान में सरकंडा थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग और सिविल लाइन टीआइ प्रदीप आर्य, स्वास्थ्य विभाग के सीएचएमओ डा.प्रमोद तिवारी एवं नगर निगम आयुक्त अमित कुमार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।