नईदुनिया प्रतिनिधि,जशपुरनगर: गोल्डन दस्तावेज़ के लिए सर्वेक्षण के संदेह पश्चिम बंगाल के कोलकाता विश्वविद्यालय से आए तीन अनुसंधानकर्ताओं ने अध्ययन में लिया और उनसे पूछताछ की। घटना की सूचना पर विशेष पुलिस टीम ने अनुसंधानकर्ताओं से पूछताछ के लिए थाना ले आई और उनके दस्तावेजों की जांच व पुष्टि के बाद उन्हें छोड़ दिया। इस बीच प्रतिमा की भीड़ पुलिस चौकी पर चढ़ने लगी।
घटना जिले के फरसाबहार थाना के ग्राम तुरियालगा की है। फरसाबहार के प्रमुख आरआईजी लाल ने कहा कि इस गांव में कोलकाता विश्वविद्यालय के जिओलाजी विभाग के प्रोफेसर नीलकमल रूद्र के साथ उनकी दो जूनियर पॉलमी राय और सुकन्या भट्टाचार्य जिओलाजी के भारत खंड के छत्तीसगढ़ में अध्ययन के उद्देश्य से आए थे। शनिवार को ये सभी शोधकर्ता तुरियालगा गांव में वास्तुकला का अध्ययन कर रहे थे। इसी दौरान कुछ स्थानीय ग्रामीण इलाकों में पहुंच गए और पूछताछ कर वीडियो बनाना शुरू कर दिया।
देखते ही देखते रिसर्च रिसर्च कंपनी के आसपास भीड़ जमा हो गई और रंगीन कपड़े हो गए। इससे पहले की स्थिति मिराई ग्रोसरी फरसाबहार पुलिस की टीम पहुंची और स्टूडेंट के बीच में मेमोरियल रिसर्च को सुरक्षित थाना ले आई। यहां फर्म फर्म लाल ने रिसर्च पोर्टफोलियो से उनके दस्तावेजों की जांच की और कोलकाता विश्वविद्यालय से संपर्क कर अनुसंधान और अनुसंधान पोर्टफोलियो के संबंध में पूरी जानकारी लेकर उन्हें जाने की जानकारी दे दी।
भीड़ ने की दुकान में भीड़
सोना माइक्रोसॉफ्ट एंड सर्वे को लेकर चल रहे फेल फेल जाने से इस मामले को गंभीर रूप ले लिया। फरसाबहार थाने में भीड़ जमा हो गई और वे सोना कंसल्टेंसी का विरोध करने लगे। वास्तविकता को समझाइशें पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने शांति स्थापित करने की कोशिश की। देर शाम तक भीड़ थाने के सामने डटी हुई थी। इन दिनों फरसाबहार झील में गोल्डन क्राफ्ट को लेकर त्योहार चल रहा है। दो दिन पूर्व गोल्डन कॉम्प्लेक्स के विरोध में तहसील मुख्यालय में भी हड़ताल कर प्रदर्शन किया गया था।
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भू समूह का एक दल कोलकाता विश्वविद्यालय से अनुसंधान के लिए आया था। गाँव में वास्तुकला का अध्ययन किया जा रहा था। इसी दौरान यह घटना घटी। भू के दस्तावेज की पुष्टि की कार्रवाई की जा रही है।
आरकेएसलाल, एसडीएसएम फरसाबहार
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