रमेश सिन्हा,पिथौरा। छत्तीसगढ़ का लोक पारंपरिक त्योहार छेरछेरा प्रदेश में काफी धूम मचाता है। महासमुंद जिले के पिथौरा क्षेत्र सहित आंचल में भी आज बड़ी ही धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है। सुबह से ही लोकगीतों का वाचन करते घर-घर छेरछेरा के शौकीन जा रहे हैं। छेरछेरा का पर्व दान पुण्य के भाव को लोगों के मन में जागृत करता है। लोग अपने हिसाब से धान और धन का दान देते हैं। आज सुबह से ही गांव में छेरछेरा प्यारे छोटे-छोटे बच्चों की टोली घर-घर पहुंच रही है और छेरछेरा मांग रहे हैं। और पढ़ें- रायपुर में यहां मिलने वाली सब्जी है फ्री
बता दें कि, किसान अपने खलिहानों के धान जब घरों में रहते हैं और मिजाई खुटाई करने के बाद सभी धान मिजाई का काम पूरा करते हैं, उसके बाद पौष माह की पूर्णिमा को अगली छत्तीसगढ़ का पारंपरिक तिहार छेरछेरा का त्योहार मनाया जाता है। इसमें सभी वर्ग के लोग छोटे हो या बड़े सभी एक दूसरे के घर अन्न या धन का दान लेते और देते हैं। सभी के घरों में आज के दिन मिठे व्यंजन और छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए जाते हैं और एक-दूसरे को चकमा दिया जाता है।