पर प्रकाश डाला गया
- धमतरी के गांधी वार्ड में प्रतिदिन यह दर्शनीयता दिखाई देती है।
- एक शख्स को खुले में शौच के लिए गई थी 3 दिन की जेल।
- अब लोग कतार में लगकर शौच के लिए जाते हैं।
नईदुनिया प्रतिनिधि, धमतरी। विश्व की तीसरी सबसे बड़ी बनने वाली अर्थव्यवस्था वाली विकसित भारत देश के धमतरी शहर में एक शर्मनाक दृश्य प्रतिदिन देखने को मिलता है। यह धमतरी शहर का महात्मा गांधी वार्ड है, जहां एक व्यक्ति को खुले में शौच करने के लिए तीन दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था।
गली-मोहल्ले में बदनामी अलग हुई थी। इस वाक्य का वार्डवासियों पर ऐसा दबाव है कि उन्हें भयानक असुविधा का सामना करना पड़ सकता है, खुले में शौच नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि हर रोज यहां शौच के लिए मतदान की तरह महिला-पुरूष महिलाओं की लंबी कतारें लगती हैं।
बस्ती व स्पाइस कार्यालय से लगे और जिला पंचायत से 20 मीटर दूर शहर के महात्मा गांधी वार्ड के गांधी आश्रम के नाम से इस बस्ती में 50 से अधिक घर है।
प्रत्येक परिवार में तीन से सात सदस्यों की गरीबी का दुर्भाग्य यह है कि किसी के घर में एक शौचालय भी नहीं है। सुबह हो या शाम को मऊ माहोल एक मार्ट सार्वजनिक शौचालय पर अपनी बारी की प्रतीक्षा करता है। कई बार बारी-बारी से शर्मनाक स्थिति भी बन जाती है।
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महात्मागांधी वार्ड के लोग कॉर्पोरेशन, कलेक्ट्रोरेट, शांति-मंत्री को अपने अस्पताल में किसी भी निजी शौचालय पर छुट्टी नहीं मिली। ओ फेल का तमगा पाने वाला धमतरी शहर के लिए यह करारा तमाचा भी है, जहां के गरीब श्रमिक परिवार के लोग रोज वैज्ञानिक स्थिति से सीखते हैं।
यहां महिला-पुरूषों की अलग-अलग कतार होती है। एक दिन हर रोज़ नहीं। इस पीड़ा पर किसी भी जन प्रतिनिधि एवं अधिकारी को जागरूक नहीं किया जा सकता।
लंबे समय से टॉयलेट ओवरफ्लो
गांधी आश्रम निवासी जानकी बाई, इंदिरा बाई, बेला साहूकार, राजाराम साहूकार सहित अन्य वार्डवासी कर्मचारियों को कई बार पीड़ा होती है, अधिकारियों के सम्मिलन व्यक्ति कर दिए जाते हैं। हर बार नया दिखावा कर उन्हें वापस कर दिया जाता है और वे रोज़ समस्याओं से जूझते हैं।
उनके वार्ड में एक आरामदायक शौचालय है, जहां महिलाओं और पुरुषों के लिए चार-चार केबिन की व्यवस्था शौचालय के लिए है। वर्तमान महिला व पुरूषों के लिए तीन-तीन शौचालयों का शेड ओव्हरफ्लो में जाम हो चुका है, जो उपयोग के लायक नहीं है।
ऐसे में महिलाओं और पुरुषों के लिए सिर्फ एक-एक सीट उपलब्ध है, जिसका उपयोग वे शौच के लिए करती हैं। शौचालय एक शौचालय का उपयोग करने वालों की संख्या से अधिक होने की वजह से शौचालय के लिए हर रोज लंबी कतारें लगाना है। इसका कार्य कार्य में शामिल होना वार्डवासियों को लेटलतीफी है।
महात्मा गांधी वार्ड के गांधी आश्रम स्थित सुविधा-शौचालय में ओवरफ्लो की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है, तो दिखता हूं।
विनय कुमार पोयाम, निगमायुक्त धमतरी