रेत के अवैध वास्तुशिल्प से बैराज के ठिकाने पर खतरा, कारवाई नहीं होने से रेत माफियाओं के मजबूत किलेबंदी

बैराज के पास अवैध ठेकेदार में लगे गुलाम और मजदूर, फोटो नईदुनिया

पर प्रकाश डाला गया

  1. महानदी से रोज़ सैकड़े की दुकान का अवैध संग्रहालय और परिवहन जारी।
  2. भोगापारा घाट के ठेके को एक साल से ज्यादा समय हो गया है।
  3. गैरकानूनी में कठोर कार्रवाई की दरकार, मगर जिम्मेदारियों को शामिल नहीं किया गया।

नईदुनिया प्रतिनिधि, शिवरीनारायण। महानदी का मस्क कम होता ही रेत माफिया फिर से सक्रिय हो गए हैं। राइट के अवैध कारोबार में लगे माफिया बेखौफ कंस्ट्रक्शन और ट्रांसपोर्ट कर रहे हैं। इन्होनें करोड़ो की कीमत से बने बैर को भी नहीं मिल रहे हैं। लगातार रेस्तरां से बैराज के अनुभव पर भी खतरा मंडराने लगा है। यदि समय रहते अवैध निर्माण पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो लाखों करोड़ों की लागत से निर्मित बैराज की समाप्ति हो जाएगी।

पहले जीप और चेन माउंटेन मशीन की सहायता से कार्गो कर हाइवा के माध्यम से परिवहन किया जाता था। लेकिन अब अनुबन्ध के माध्यम से होटल के बाद परिवहन किया जा रहा है। महानदी के तट पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ट्रेक्टर रायट के दर्शन और दर्शन किये जाते हैं।

दैनिक बेखौफ काॅन्टेक्ट

शिवरीनारायण में रेत घाट के लिए अभी तक एक्सचेंज नहीं मिला है। महानदी के भागापारा घाट का ठेका एक साल से भी ज्यादा समय में खत्म हो गया है। इसके बावजूद यहां रोजाना बेखौफ कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। स्थिति यह है कि अल सुबह से लेकर देर रात तक सैकड़ों ट्रिप रेत का अवैध रूप से परिवहन किया जा रहा है। अनुमान के अनुसार यहां के रेत घाट से प्रतिदिन 50 से अधिक यात्रियों के माध्यम से 500 ट्रिप से अधिक रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यही वजह है कि अब महानदी पूरी तरह से बेजान नजर आने लगी है।

अधिकारियों का डिज़ाइन

अवैध के बाद माफिया सोसायटी पर रेत का वोट कर लाखो कंपनी की काली कमाई कर रहे हैं। सुबह से लेकर देर रात तक राइटर से ओवर लोड अभिषेक नगर की सड़कों पर फर्राटा भरते रहते हैं। जिस सड़क पर दुकानदारों से पानी के साथ रेत भी बहकर गिर रही है। सड़क पर टूटी रेत के कारण आए दिन हादसे भी होते रहते हैं, लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई करने में खुद को असहाय पा रहे हैं। अधिकारियों की डिफॉल्ट के कारण राइट माफिया प्रशासन की नाक के नीचे अवैध कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।

शासन को राजस्व का हो रहा नुकसान

महानदी में अभी तक किसी भी घाट को ना तो खनिज विभाग से मंजूरी मिली है और ना ही पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिली है। इसके बाद भी शिवरीनारायण की महानदी से प्रतिदिन सैकडो का अवैध निर्माण और परिवहन बिना रियल्टी के हो रहा है। जिससे शासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। लगातार रेत के अवैध इमारतों पर प्रतिबंध में अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। मनमानी कीमत पर जारी की जा रही है रेत माफियाओं द्वारा लगातार रेत के अवैध इमारतों पर रोक में अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। अवैध राइटर बेचकर रोजाना करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। इसके बाद भी अधिकारियों की कार्यशैली पर सहमति नहीं बन पाई।

सहभागी महानदी सेकॉन्स्टेंट अवैध रेत आर्किटेक्चर करने का मामला में आया है। खनिज विभाग की टीम के साथ शीघ्र कार्रवाई की जायेगी।

अविनाश चौहान, शिवरीनारायण

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use