रायगढ़ में शिक्षा विभाग के बाबू को 25 हजार रुपए का रिश्वत एसीबी ने पकड़ा

पर प्रकाश डाला गया

  1. मेडिकल बिल पास स्वामित्व राशि
  2. शिक्षक उमेन सिंह चौहान ने की थी शिकायत
  3. सत्यापन दस्तावेज़ याचिका सही पेज पर दी गई है।

नईदुनिया प्रतिनिधि, रायगढ़ : इकोनॉमिक क्राइम स्टोक्स ब्यूरो की टीम ने रायगढ़ शिक्षा विभाग में 25 हजार रुपये का रिश्वत लिया है।

बताया गया कि 17 अगस्त को माध्यमिक विद्यालय खम्हार तहसील खरसिया जिला रायगढ़ में शिक्षक शिक्षक उमेन सिंह चौहान ने एसीबी के बिलासपुर कार्यालय में शिकायत की है। बताया गया कि उसकी पत्नी के इलाज से संबंधित मेडिकल बिल के अध्ययन में बाबू नवरत्न ने 25 हजार रुपये की मांग की है। वह राशि जमा नहीं करना चाहता है। सत्यापन दस्तावेज़ याचिका सही पेज पर दी गई है। टीम द्वारा इश्यूज को ट्रैप करने की योजना बनाई गई।

एसीबी की टीम ने लोकपाल को 25 हजार की रिश्वत दी

एसीबी (फाइनलोजिकल क्राइम स्टोइक्स ब्यूरो) के खिलाफ लगातार जारी व्यापक अभियान के क्रम में गुरुवार को एसीबी यूनिट बिलासपुर से जीएम (गौरेला पेंड्रा-मरवाड़ी) जिले के गौरेला जिले की पंचायत में सार्जेंट लोकपाल वेद प्रकाश पांडे को 25 हजार रुपये मिले देखे गए वीडियो में सफलता मिली।

चार सितंबर को जनपद पंचायत गौरेला में भर्ती कार्यक्रम अधिकारी रोशन सर्राफ द्वारा एसीबी यूनिट बिलासपुर में इस कार्य की शिकायत की गई थी कि उनके क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुकाई में मनरेगा योजना के तहत जारी कार्यक्रम में अमृत निर्माण कार्य का निर्माण कार्य लोकपाल वेदप्रकाश पांडे द्वारा किया गया है। जांच की जा रही है और जांच को नस्तीबद्ध करने के लिए 25 हजार रुपये के अपराधी के रूप में मांग की जा रही है और वह उसे रिश्वत न दे, उसे रंगे हाथ पकड़वाना चाहता है, इस याचिका पर आवेदक की शिकायत सही है। पिया गया। मामले में एसीबी बिलासपुर द्वारा निवेशकों को फंसाने की योजना बनाई गई। प्रार्थी को रिश्वत की रकम 25 हजार रुपये समेत धोखाधड़ी के आरोप में भेजा गया है। प्रार्थी मधुबन काली गौरेला द्वारा जाने वाली रोड पर स्थित एटीएम के पास आरोपियों को रिश्वत देने का प्रयास करने के प्रयास में प्रार्थी के चार्पहिया के अंदर घुसेले की नकदी से 25 हजार रुपये लिये गये। उसी समय पहले जाल बिछाए एसीबी की टीम ने उस पर पकड़ बना ली थी। पकड़े गए दोषी वेदप्रकाश पांडे पिता भुवन लाल पांडे (51) से रिश्वत की रकम 25 हजार रुपए बरामद कर एसीबी द्वारा उनके खिलाफ धारा सात सहायता सहायता अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई की गई है।

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