पर प्रकाश डाला गया
- जीआईएसएस सर्वेक्षण के बाद एआईडब्ल्यूएमएस का प्रयोग किया गया।
- नगर निगम की आय में होगी 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी।
- निगम की ओर से सबसे पहले शहर के विकास को गति दी जाएगी।
नईदुनिया प्रतिनिधि बिलासपुर।ग्लोबल इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआइआइएस) सर्वे का कार्य दो साल पहले नगर निगम के निर्देश कंपनी पर पूरा हुआ था। इसके आधार पर अब नगर निगम प्रॉपर्टीकर की चोरी को रोकने के लिए आईडब्ल्यूएमएस सिस्टम से मकानों और प्रॉपर्टी का पुन: सर्वेक्षण करवा रहा है।
पुराने रिकार्ड के आधार पर संपत्तिकर कर रहे जमा
सर्वे के दौरान नगर निगम ने हजारों मकान ऐसे पाए हैं, जो पुराने रिकॉर्ड के आधार पर संपत्तिकर जमा कर रहे हैं। जबकि उनका स्थायी निर्माण के अनुसार संपत्तिकर अधिक होना चाहिए। सर्वे में कई रसूखदार, पॉलिटिकल लिस्ट, बिल्डर्स और ड्राफ्ट्समैन के नाम सामने आए हैं, बिल्डरों और बिल्डरों के नाम नई बिल्डिंग के हैं लेकिन पुरानी दुकानों पर ही टैक्स जमा कर रहे हैं। नगर निगम 2016-17 में पुराने आंकड़ों पर आधारित नए सर्वे के आधार पर टैक्स वसूली की तैयारी कर रहा है।
नए सर्वे में भवन के मालिक का नाम व नंबर भी सार्वजनिक किया जाएगा
नगर निगम ने संपत्तिकर आवास के लिए नया फार्मेट तैयार किया है। पहले 2016-17 की ग्रेडिंग से टैक्स लिया गया था। निगम में नए क्षेत्र जुड़ने के बाद प्रॉपर्टीकर को सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार लागू किया गया है। जीआईएसएस के सर्वे के बाद पता चला कि ओल्ड रेस्ट हाउस से नगर निगम को नुकसान हो रहा है। नगर निगम ने वित्त वर्ष 2022-23 से जीआईएसएस सर्वेक्षण के आधार सूची वेबसाइट पर अपलोड की है। भवन मालिक का नाम, खाता नंबर, प्लॉट और मोबाइल नंबर की जानकारी नई संपत्ति में भी ली जा सकती है।
घर-घर हो रहा सर्वे, एक जोन में काम पूरा
नगर निगम की टीम ने आइडब्ल्यूएमएस के अंडर भवन, मकान व दुकान की री-मैपिंघ करवा रही है। यह काम करने के लिए नगर निगम और संबंधित कंपनी के कर्मचारी, लोगों के घर-घर, व्यापारी सर्वेक्षण और री-मैपिघ का काम कर रहे हैं। ऑफिसर्स के माने तो एक जोन का काम पूरा हो गया है। अन्य जोन में री-मैपिंघ शुरू होगी।
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सरकारी दाव-पेंच में उलटी हर घर नल योजना, एक बार और बढ़िया डेडलाइन
नईदुनिया प्रतिनिधि बिलासपुर। हर घर नल योजना का काम एक बार फिर से शुरू हो गया है। वर्ष 2021 में शुरू हुई नल योजना के तहत काम तो युद्ध स्तर पर तेजी की बात अधिकारी कह रहे हैं। लेकिन डिविजन रोड की पेचिदगी की वजह से ही योजना को समय पर पूरा करना मुश्किल हो रहा है। नल जल योजना के तहत जिले के दो लाख 46 हजार 673 घरों में नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य मार्च 2024 में पूरा करना था, लेकिन अब इस योजना को दिसंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अभी भी प्राथमिकता है जिले के 68 हजार 233 घर नल कनेक्शन से
बिलासपुर जिले के 668 जिला में नल जल योजना के तहत 2 लाख 46 हजार 673 घर तक नल से जल योजना का लक्ष्य रखा गया था। विभाग ने अब तक 1 लाख 78 हजार 440 घरों में नल लगाया है। जिले में अब भी 68 हजार 233 घर ऐसे हैं जहां नल के कनेक्शन से लोग परेशान हैं।
योजना में देरी का कारण
अधिकारियों का मानना है कि नल जल योजना के तहत नल कनेक्शन में देरी का मुख्य कारण नल पाइपलाइन पाइपलाइन और पानी की टंकी के निर्माण के लिए अलग-अलग विसंगतियां हैं। इन लक्ष्यों में हो रही देरी ही योजना की धीमी गति से आगे बढ़ रही है। बता दें कि लैटीफी की एक प्रमुख वजह रेन भी है जिसके चलते बोर कंसल्टेंट का काम भी पूरी तरह से बंद हो गया है। रेन के बाद रोबोट वर्क में तेजी की योजना है।
अब तक का प्रगति विवरण
जिले के 32 जिले के 8,320 घरों में नल कनेक्शन और पाइपलाइन का काम पूरा हो गया है, जबकि 11 जिले के 2,124 घरों में नल से जल मिला हुआ है।
वह गांव जहां नलो से आ रहा है पानी
बिलहा ब्लैंक बनानकडीह, बिटकुली, लगरा, निपनियाकोटा ब्लैंक डोगी, जमुनाहीमस्तूरी ब्लैंक: खपरी, उनितखतपुर ब्लैंक: कड़वाकापा, उमरिया, कालीमीतार