31 जनवरी 2024
कांकेर : जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित हुई, जिसमें राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के आयोजन को लेकर चर्चा की गई। कलेक्टर ने आंगनबाड़ी व स्कूलों में दर्ज बच्चों को लक्षित कर अल्बेंडाजोल की टैबलेट वितरित करने और शत-प्रतिशत बच्चों को कव्हरेज करने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए।
समय-सीमा बैठक के उपरांत आयोजित स्वास्थ्य विभाग की टास्कफोर्स कमेटी की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का शुभारम्भ 10 फरवरी से किया जाएगा तथा मॉप-अप दिवस 15 फरवरी को मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में 01 से 19 वर्ष के सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों को स्कूल, तकनीकी शिक्षा और आंगनबाड़ी के माध्यम से एल्बेंडाजॉल खिलाकर कृमिमुक्त किया जाएगा। सीएमएचओ ने बताया कि एक से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली को चूरा कर खिलाया जाएगा जबकि दो से तीन साल की आयु के बच्चों को पूरी एक गोली पीसकर खिलाई जाएगी। इससे अधिक आयु वालों को एक गोली चबाकर खाने की सलाह दी गई है। डॉ. खरे ने बताया कि जिले के 2 लाख 97 हजार 210 बच्चों को इसकी खुराक दिए जाने का लक्ष्य है, जिससे उन्हें कृमिमुक्त बनाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि गत वर्ष 2023 में जिले में लक्ष्य के विरूद्ध 90.39 प्रतिशत बच्चों को कृमिनाशक अल्बेंडाजोल की खुराक दी गई थी तथा इस साल शत-प्रतिशत बच्चों को इसकी खुराक देने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ श्री सुमित अग्रवाल सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
कृमि के दुष्प्रभाव-
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बैठक में बताया कि कृमि ऐसे परजीवी हैं जो मनुष्य की आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं। गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना, कुपोषण, किसी काम में रूचि न होना जैसे कई लक्षण हो सकते हैं। डिवर्मिंग के सेवन से बच्चों और किशोरों में रोग प्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि, स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार एवं एनीमिया में नियंत्रण किया जा सकता है।