पानी के बिना मुरझा से गए हैं इस आंगनबाड़ी के मासूम फूल

आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं
आसपास के घरों से मांगकर काम चलाती हैं कार्यकर्ता

11 Jan 2024

बकावंड : बिन पानी के तो बड़े -बड़े पेड़ भी मुरझा कर दम तोडऩे लग जाते हैं, तो फिर सुकोमल पौधों की क्या बिसात। पानी के बगैर आंगनबाड़ी के फूल भला कैसे खिले और मुस्कुराते रह सकते हैं। बकावंड ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनपुर के आश्रित ग्राम बनियागांव के आंगनबाड़ी केंद्र के फूलों की भी यही हालत हो गई है।
आंगनबाड़ी केंद्र बनियागांव में बच्चों और कार्यकर्ता व सहायिका के पीने के पानी का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र के क, ख, ग घ, सीखने के लिए जो बच्चे आते हैं, उन्हें प से पानी का रट लगाते देखा जा सकता है। प्यास से तड़पते बच्चों को राहत पहुंचाने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका आसपास स्थित घरों से पानी मांगकर लती हैं। पहले आंगनबाड़ी केंद्र के समने हैंडपंप था, जिससे बच्चों के लिए पानी का इंतजाम हो जाता था। हैंडपंप को निकाल कर बोर में मोटर पंप लगा दिया गया।  कुछ दिनों बाद ही मोटर पंप खराब हो गया और बोर से पानी निकलना बंद हो गया है। बच्चों को पीने के पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। जब बच्चे शौच कर देते हैं  तब उनके अंग व गंदे हो चुके कपड़ों की सफाई करने के लिए कार्यकर्ता व सहायिका को कड़ी मशक्कत करनी पडऩी है। कार्यकर्ता बस्ती के घरों से पानी लाकर बच्चों के लिए खाना बनाती हैं, उन्हें के खिलाती हैं और बर्तन की सफाई करती हैं। मोटर पंप खराब हो जाने के बारे में गांव के सरपंच को कई बार कार्यकर्ता द्वारा अवगत कराया जा चुका है, लेकिन पंप सुधारा नहीं जा सका है। खेलत खेलते बच्चे बोर के पाइप से कई बार घायल भी हो चुके हैं। बोर के अंदर पाईप भी गिर चुका है। उसे भी निकाला नहीं जा सका है। आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के बैठने के लिए टाटपट्टी, चटाई या दरी भी उपलब्ध नहीं है। बच्चों को जमीन पर बिठाया जाता है। आंगनबाड़ी केंद्र की बाउंड्री वॉल नहीं है।रोड किनारे आंगनबाड़ी के छोटे बच्चे खेलते रहते हैं। दुर्घटना का भय हमेशा बना रहता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कई साल पहले प्रस्ताव ग्राम पंचायत को दे चुकी है, लेकिन आज तक बाउंड्री वॉल व शौचालय निर्माण नहीं कराया जा सका है। ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव सबकुछ जानते समझते हुएभी अनदेखी कर रहे हैं।

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